मैं वैसे तो एक विद्यार्थी हूँ M.S. College Motihari का पर साहित्य में विशेष रूचि होने के कारण मैं यूँ हीं कविताएं लिखता हूँ साथ-साथ बाल पत्रिका ()का संपादन भी करता हूँ .
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सपनों की दुनिया में रह कर , फिर भी देखता हूँ एक स्वप्न। है एक अपना सपना मेरा, दूसरों के सपनो को सजाना। हो जाता हूँ स्तब्ध , जब सोंचता हूँ उनके बारे में... अरे वही ! जिनके पास अपने शरीर को खोने के सिवा और कुछ भी है नहीं !!!!! दिली ख्वाहिश है उनको दिखना राह मंज़िलों की , उन्हें बनाना इंसान जो करें म