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मुझे खामोश रहना पसंद था

11 नवम्बर 2022

27 बार देखा गया 27
                                 Note No. 02
      
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               मुझे खामोश रहना पसंद था... क्योंकि मैं कभी व्यर्थ की बातों में शामिल नहीं हो सकता था... हरगिज नहीं ।
               जिन शब्दों या बातों का कोई मतलब नहीं... उन्हें क्योंकर बोला जाए और उनमें शरीक हुआ जाए... मुझे उन्हीं लोगों से बातें करना पसंद था, जिनकी बातें दिल को छूती थी और जिनके शब्दों अथवा आवाज में एक गजब की कशिश होती थी ।
             वाकई उनके साथ बातचीत करना मुझे दिलचस्प लगता था... ऐसे व्यक्ति सच्चे इंसान होते हैं, जो औरों की भावनाओं की भावनाओं को बखूबी समझते हैं और उनकी कद्र करते हैं... वे लाजवाब होते हैं ।

Sudarshan Arya की अन्य किताबें

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रचनाएँ
दबी आवाज – डायरी
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‘दबी आवाज’ पुस्तक मेरी निजी डायरी हैं, जिसमें मेरे द्वारा लिखित विभिन्न संस्मरण अथवा विचार शामिल हैं। मैंने अपनी डायरी का नाम ‘दबी आवाज’ रखा हैं। आशा करता हूं कि लोगों को मेरी डायरी को पढ़कर इसका वास्तविक रूप में विश्लेषण करेंगे। धन्यवाद!
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जब मैं खुश नहीं था

11 नवम्बर 2022
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मुझे खामोश रहना पसंद था

11 नवम्बर 2022
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Note No. 02 &nbs

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तब मुझे बहुत खुशी मिलती थी।

12 नवम्बर 2022
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Note No. 03 &nb

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मुझे मेरी प्राथमिक टीचर की बहुत याद आती थी

12 नवम्बर 2022
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•04• आज April

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मुझे किताबें पढ़ना दिलचस्प लगता था

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°05° किताबें हमेशा से मेरे ल

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बुजुर्ग गार्डनर की भावनात्मक बातें

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°06° ये तब की बात है जब मैं और मे

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किस्से – कहानियां

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मां के आंसू

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कुत्तों ने के पिल्लों के प्रति मेरा प्यार

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सपनों का घर

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10 मैं एक भव्य और सु

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मेरे जीवन के गुजरे कुछ सुखद क्षण मेरे नन्हे मित्र के साथ

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11 Jun.

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मेरे जीवन का एक बहुत ही बुरा और दर्दनाक समय

13 नवम्बर 2022
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12 मेरी खुशहाल और सामान्य सी

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मुझे दोस्तों में अपनी चीजें साझा करना पसंद था

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13 जब मैं छोटा था और तब मेर

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कभी किसी का दिल नहीं दुखाना😔

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14 किसी का दिल तोड़ देना,बहु

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हमारे जीवन में सच्चे दोस्तों का महत्व

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मैं बहुत कुछ व्यक्त नहीं कर पाता था

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16 कई बार मैं बहुत कुछ जतान

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मैं किसी की मदद का खयाल रखता हूं

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17 जब कोई मेर

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18. कुछ अच्छे लोग जीवन में आते हैं

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19. मैं बहुत जिद्दी बच्चा था

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20. बस में सवार महिला की परेशानी

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2️⃣0️⃣

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21. मेरी आदरणीया बड़ी बहन

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2️⃣1️⃣ बचपन में मेरी दीदी म

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22. मेरे बचपन के कुछ बेहतरीन और शानदार दिन

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2️⃣2️⃣ मेरे बचपन के अधिकतर

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23. लोग ऐसे शब्दों या चीजों का इस्तेमाल क्यों करते हैं, जो किसी भी तरह से उचित और उपयोगी नहीं हैं..?

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💠2️⃣3️⃣💠 लोग मिलते है...और तरह -

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मैं रास्ता भटक गया था

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💠2️⃣4️⃣💠 मैं तब तक सोता रहा था...जब तक

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बचपन की कुछ मीठी यादें

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🔹2️⃣5️⃣🔹 बचपन में मुझे गुड़ खाना बेहद पसंद था...मैं खूब गुड़

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मुझे सच्चाई के अलग अलग आयाम महसूस हुए

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🔸2️⃣6️⃣🔸 तब मुझे नहीं पता था कि जिस दौर से मै

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मेरे जीवन का बुरा और दर्दनाक समय

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🔸2️⃣7️⃣🔸 ये

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मुझे टीवी देखना पसंद था

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▫️2️⃣8️⃣▫️ हॉस्टल में रहकर म

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मैं शाश्वत, अनंत और सर्वशक्तिमान ईश्वर की उत्पत्ति और वास्तविक शक्ति में विश्वास करता हूं

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◾2️⃣9️⃣◾ जहाँ तक कृष्ण के संबंध में प्रामाणिक जानकारी के हिसाब से मैं

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मैंने कभी कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया था

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🔸3️⃣0️⃣🔸 किसी ने मुझसे पूछा था,

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बुरे आंतरिक घुसपैठियों के साथ मेरा संघर्ष।

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▪️3️⃣1️⃣▪️ बहुत - सी बातें थी

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डॉ. घनश्यामदास खत्री सर एक महान शिक्षक थे और मैं उनका दिल से सम्मान करता था

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🔹3️⃣2️⃣🔹 अपने गांव से कक्षा 05

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स्कूल टाइम के बरसाती दिन

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🍁3️⃣3️⃣🍁 स्कूल की कित

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जीवन के कुछ बेहतरीन पल

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💠3️⃣4️⃣💠 कुछ पल होते है, जो हमारी जिंदग

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परिवर्तन सृष्टि का नियम हैं जो सभी चीजों पर लागू होता हैं

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📀3️⃣5️⃣📀 जिंदगी में कुछ भी ए

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मुश्किलों से डरो नहीं, उनका डटकर सामना करो

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⭐3️⃣6️⃣⭐ कईं सारे लोग ऐसे होते हैं, जो ये मानते ह

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आखरी वक्त में मेरी प्राथमिक टीचर का आशीर्वाद न मिलने का दर्द मुझे दुख देगा

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🍁3️⃣7️⃣🍁 और आखिरकार मुझे वो दिन देखना प

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मैंने जीवन को बहुत मामूली और तुच्छ बना लिया था

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💠3️⃣8️⃣💠 और आखिरकार मैंने एक दिन

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वे आपको बाधाओं के रूप में छोड़ने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

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🔹39🔹

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पिता कठोर हो सकता हैं लेकिन उनका प्यार हमेशा कोमल और सौम्य होता है, जो अदृश्य है।

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🌼4️⃣0️⃣🌼 ' पिता ' , हमारी जर्जर हो चुकी

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मेरी आध्यात्मिक प्रवृत्ति

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🪴4️⃣1️⃣🪴 I Think...और सिर्फ मेरे सोचने से ही न

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जीवन एक महान लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण, उद्देश्यपूर्ण और हमेशा अग्रणी यात्रा हैं ।

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💠4️⃣2️⃣💠 अगर पूरी ईमानदारी व जवाबदेही तथा पूरी निष्ठा

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▼मैं कोई भी काम व्यवस्थित तरीके से नहीं करता था और न ही मेरे पास किसी काम को सही तरीके से करने का तरीका होता था

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🌼4️⃣3️⃣🌼 मैं अक्सर लोगों को काम करते हुए देखता

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वो मुझसे नाराज़ था...और उसके शब्दों में, मेरे प्रति नाराजगी और शिकायत स्पष्ट थी

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🍁4️⃣4️⃣🍁 मैंने ये कभी नहीं

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मैं व्यापार के क्षेत्र में कुछ नहीं जानता था, लेकिन मुझे बाज और उसकी शैली पसंद है…शायद इसका कुछ अर्थ है।

15 नवम्बर 2022
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🍁4️⃣5️⃣🍁 एक व्यक्ति ने मुझसे कहा था..."कि तुम Negative बहुत

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इस बाजी में तुम मेरा दिल जीत ले जाओ, बस यही तुम्हारे लिए काफ़ी हैं

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🌼4️⃣6️⃣🌼 दोस्ती में मेरे लिए कोई

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वो चले जाते है, मगर पीछे कितनी ही निशानियां छोड़ जाते हैं, जो कितने ही संकेतों और अर्थों को उत्पन्न करती हैं!!

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🪴4️⃣7️⃣🪴 जो लोग सच्चे दिल से हमें चाहते

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मैं जवाबों के घेरों से मुक्ति चाहता था

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⭐4️⃣8️⃣⭐ बहुत बार मैं लोगों के सवालों का समुचित और सुव्यवस

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तुम्हारी सांसों का चलना ही महत्वपूर्ण हैं...

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◾4️⃣9️⃣◾ मुसीबतें कभी बताकर नहीं आती और जब आ जाती हैं,

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मैंने सुख कहीं और पाया और महसूस किया

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💠5️⃣0️⃣💠 वैसे तो मैंने थोड़े मौकों पर कि

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बहुत बार चीजें सिर्फ इसलिए नहीं जुड़ती, क्योंकि जोड़ने का हुनर लोगों को पता नहीं होता!

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🔸5️⃣1️⃣🔸 कभी-कभी चीजें जैसे टूटती हैं, वैसे जुड़ भी जाती हैं

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मैं दोस्ती को कभी जाहिर या साबित नहीं कर पाता था

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🔹5️⃣2️⃣🔹यकीनन ये बात सच थी कि मैं रिश्तों और दोस्ती को कभी वक्त नहीं दे पाया था, काश कभी दे प

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मेरे शिक्षक, जिनका मैं दिल से बहुत सम्मान करता था, लेकिन उन्होंने वास्तव में मुझसे कभी सहानुभूति नहीं रखी थी

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💠5️⃣3️⃣💠 &nbs

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मैं पूंजी, व्यवसाय और मौद्रिक आय की Importance को बखूबी समझता था।

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🍁5️⃣4️⃣🍁 लापरवाहियों की भी हद होती हैं और मैंन

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भीरुता लोगों के अंदर तक धँस जाती हैं और प्रमादों की विभिन्न परतों के प्रभाव से लोगों का ज़मीर दोषपूर्ण हो जाता हैं!!       

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🌼5️⃣5️⃣🌼 समाज के विभिन्न मूर्खतापूर्ण र

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वैसे चाहो तो तुम किसी के सपनों पर हँस सकते हो...और बेमतलब उसके लिए जरा रुक सकते हो !

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🪴5️⃣6️⃣🪴 देने का सुख दाता को परम आनंद प्

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तुम कौन हो?, इसके स्थितिवश कईं अर्थ निकलते हैं!

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📀5️⃣7️⃣📀 तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि कोई तुम

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हमारी भावनाओं से खिलवाड़...

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💠5️⃣8️⃣💠 कभी - कभी स्थितियों और दृश्यो

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क्योंकि तब मुझे उस ₹500 के नोट में निवेश नजर आ रहा था

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🔅5️⃣9️⃣🔅 Sep.23, 2020 आज के दिन जरूरी सामान खर

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अवसर कैसा भी हो...हमारे लिए जायज होता हैं

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◾6️⃣0️⃣◾ हम अचानक दस्तक देने वाले मौकों, किसी के जबरन

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स्वयं का स्पष्ट अध्ययन-विश्लेषण व्यक्ति को महानता की ओर ले जाता है...

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🪴6️⃣1️⃣🪴 गुरुजनों और अन्य लोगों से अर्जित ज्ञा

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हमारी मनोदशा ही हमारे लिए रुकावट और गति तय करता है...

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🍁6️⃣2️⃣🍁 हम छोटी से छोटी और अति सरल चीज को लेकर

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वे आगे बढ़ गए और आपको पीछे मुड़कर देखने की कोई जरूरत महसूस नहीं की।

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🔸6️⃣3️⃣🔸 लोग...जो कभी आपके साथ चले थे...आपसे बा

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काश इंसान यथार्थता के विभिन्न पहलुओं पर सच्चे दिल से विचार करता...

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🪴6️⃣4️⃣🪴 मुझे किसी भी तरह का ''वाद'' पसंद नहीं हैं...मैं सभी

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हम भारतीय घातक अंधविश्वासों में सराबोर समाज में रहते हैं

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🌼6️⃣5️⃣🌼 हम भारतीय, घातक अंधविश्वास से स

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वो जन्म देती हैं, तो समझती हैं कि वास्तव में दर्द क्या होता हैं...

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🌸6️⃣6️⃣🌸 उसने तुम्हें अनमोल जीवन दिया...पर बदले में

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मेरे दर्द ने हमेशा मुझे दुखी किया

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🏵️6️⃣7️⃣🏵️ जब इंसान दर्द और तकलीफों से तमाम खा

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मेरे लेखन में बाधा

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🌸6️⃣8️⃣🪴 बड़ी आसानी से मैंने लिखना छोड़ दिया थ

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ऐसा क्यों होता हैं !

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🍁6️⃣9️⃣🌸 आखिरकार ऐसा क्यों होता हैं...जबकि सब

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मैं तब सोंचा करता था कि काश वो लम्हें फिर से लौट आए...

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🌸7️⃣0️⃣🌸 उस दिन मैं देर तक सोता

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मैं बहुत से काम करना चाहता था...

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🏵️7️⃣1️⃣🏵️ मैं कितने ही सारे काम

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मुझपर झूठे आरोप लगते देखा

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🪴7️⃣2️⃣🪴 उस रात मैंने एक बुरा सपना देखा था...वो कुछ

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लोगों के अस्तित्व का खोखलापन...

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इंसान खुद समस्या पैदा करता है...

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🍁7️⃣4️⃣🍁 बहुत से लोग सोचते हैं कि

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चेतन–अवचेतन का अंधविश्वासी अंधकार

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🌳7️⃣5️⃣🌳 काफी सारे लोग ऐसे भी थे, जो अपनी दैनिक

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हम ही तय करते हैं कि हमें क्या बनना हैं...

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🌷7️⃣6️⃣🍁 हम क्या बनेंगे... या बन सकते हैं...ये

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जिंदगी में कुछ लोग ऐसे मिले थे...

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🍁7️⃣7️⃣🍁 जिंदगी के सफर में मुझे कुछ लोग ऐसे मिले थे,

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‘अल्केमिस्ट, ’ उत्कृष्ट, रोमांचक और बेमिसाल कृति...

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💠7️⃣8️⃣💠 उस समय मैं ‘अल्केमिस्ट’ नाम की

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हम हालातों को बद से बदतर और बेहतर से बेहतर बना सकते हैं...

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⭐7️⃣9️⃣⭐ जिंदगी में कुछ भी एकसमान नहीं रहता...समय के साथ सबकुछ बदल ज

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80. स्थितियां चाहे जैसी भी हो...सामंजस्य स्थापित कर लेना ही समझदारी हैं

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⭐8️⃣0️⃣⭐ तारीख जून 02, 2018...इस वक्त तक मैं अपने पैतृक गांव न

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81. मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा था...                      

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🌸8️⃣1️⃣🌸 मैं समय वर्षों में खो चुका था...और अब

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82. बहुत सी चीजें एवं बातें होती हैं, जिनमें बहुत कुछ मूल्यवान निहित रहता हैं

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🌼8️⃣2️⃣🌼 हम किसी से और कहा

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83. मैंने हालातों को बद से बदतर बना लिया था...

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🪴8️⃣3️⃣🪴 मुझे पता था कि मेरी मौजूदा हा

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84. संभावनाओं को कभी भी उनके प्रत्यक्ष मूल्य से ना आंके...

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🍁8️⃣4️⃣🍁 हमें संभावनाओं को कभी भी

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85. वो लड़की...

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⭐8️⃣5️⃣⭐ हमारे बचपन की बहुत सी बाते

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86. अवसरों और परिस्थितियों के असंभाव्य संयोजन बेहतरीन परिणाम पैदा करते हैं...

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Post No. ''86'' कईं बार अवसरों और परिस्थितियों के

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87. हम कभी इतने बुरे नहीं होते, कि एक अच्छी शुरूआत ना कर सके!

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Note No. ‘87’ हम कभी इतने बुरे नहीं होते कि एक अच्छी शुरुआत नहीं कर सकते...ठीक उस फुटबालर की तरह, जिसके बचपन में उससे नादानी वश हुई गलती से उसके मित्र की

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88. तमाम विसंगतियों से परे...तुम अपना सर्वोच्च मकसद चुन सकते हो

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Note No. '88' वही करो जो तुम्हें सही लगता हो...और जो वास्तव में सही भी हो। &nbsp

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89. वहां का पूरा माहौल अत्यंत शोकपूर्ण हो चुका था

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Note No. ‘89’ ये लगभग तब की बात हैं, जब शायद मेरे दूध के दांत गिर रहे होंगे...और उस वक्त मैं अपने मामा के घर था ।...ये एक हादसा था, जो किसी

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90. सचमुच बेहद तकलीफ होती हैं, जब हमारे ख़्वाब सहसा टूटकर बिखर जाते हैं 😔

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Note No. 90 किसे पता होता हैं कि उनके जीवन में एक दिन ऐसा भी आएगा, जो उनके सारे सपनों को चकनाचूर करके आगे निकल जाएगा। सचमुच जब किसी के सुंदर ख्वाब अचानक से टूट जाते हैं

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91. मेरे पिता आर्थिक मामलों में कभी आगे नहीं बढ़ पाए... उन्होंने अपनी तमाम उम्र अभावों में रहकर ही गुजार दी थी"

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Note No. 91 शायद मुझे अच्छे से तो याद नहीं... हां मगर फिर भी मुझे बहुत कुछ याद हैं । ... मसला ये था कि मेरी मां मेरे पिताजी से उनके आर्थिक अभावों और उनकी नाकामियों को लेकर अक

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92. साहस ही सही समृद्धि को इंगित करता हैं...

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93. अमूनन हमारी प्राकृतिक स्वाधीनता के लिए, धर्म के विभिन्न आडम्बर, क्रूरतम रीति-रिवाजों और रूढ़ियों के ख़िलाफ़ हमें आवाज़ उठानी ही चाहिए

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🌼9️⃣3️⃣🌼 विभिन्न धर्म और समाज के मूर्खतापूर्ण रीति-रि

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