हेलो आई ऍम ऋषभ!
अवनि ने कोई जवाब नहीं दिया!
वैसे आप रहती कहा है! ऋषभ ने फिर से अवनि से कहा!
अवनि ने कोई रिप्लाई नहीं दिया!
नाम तो बोल ही सकती हो मेम या कोई नाम ही नहीं है आपका! ऋषभ चुप रहने वालो मे से नहीं था!
अवनि को इस बार बहुत गुस्सा आ गया था!
अवनि ने क्लास मे पढ़ा रही नीतू मेम से रेकवेस्ट की मेम ये लडका बिना वजह तंग कर रहा है आपकी इजाज़त हो तो मे कोई और सीट पर बैठ जाये या फिर इस को कही और बिठा दे प्लीज मेम!
नीतू मेम ने देखा ऋषभ तुम क्यों इतने बदतमीज़ी करते हो तुम्हारा दूसरा साल है ये और तुम अभी भी नहीं सुधरे तो फिर से फ़ैल हो जाओगे जाये और जा कर अपने ग्रुप मे बैठे!
ऋषभ चुप चाप अपने ग्रुप मे जा कर बैठ गया!
अरे ऋषभ इस लड़की को ज़्यादा ही ऐटिटूड है इसको सबक सीखना होगा वरना ये लड़की हम पर भारी पड़ सकती है!
रवि और पुनीत दोनों ही ऋषभ से बोलने लगे!
ऋषभ दोनों की बाते सुन कर धीमी मुस्कान मुस्कुराने लगा!

अवनि की मुलाकात दिव्या नाम की लड़की से हो गयी थी और दोनों ही सेम चॉइस होने के कारण दोस्ती भी हो गयी थी दोनों ही एटिटूड मे हाई थी!
क्लास कम्पलीट होने के बाद जैसे ही अवनि क्लास के बाहर आयी
सभी उसको देख कर हस रहे थे! दिव्या ने अवनि से पूछा भी की ये सभी हमको देख कर क्यों हंस रहे है तब अवनि ने सुबह जो ऋषभ ने उसको गलत क्लास बताई थी वो सारी बात दिव्या को बता दी!
दिव्या भी बात सुन कर ऋषभ को बुरा भला बोलने लगी!
थोड़ा और आगे चली दोनों तब सभी लड़के और लड़किया दोनों ही खूब हसने लगे उनको देख कर!
अवनि ने दिव्या और दिव्या ने अवनि दोनों ने एक दूसरे के चेहरे को देखा लेकिन चेहरा तो दोनों का क्लियर था अब दोनों समझ नहीं पा रही थी की ये लोग क्यों हस रहे है क्यूंकि सुबह की बात इतनी भी पॉपुलर नहीं हुई थी की पूरा कॉलेज ही उस बात पर हसे!!
अवनि ने दिव्या से कहा की मेरे पीछे देखो कुछ है क्या!
दिव्या ने देखा और शौकड हो गयी अवनि के पीछे एक बड़ा सा स्टीकर लगा था जिसपर बंदरिया का फोटो लगा हुआ था!
अवनि यार तेरे पीछे बंदरिया आई मीनिंग फोटो लगी है बंदरिया की वो भी लिपिस्टिक लगाई हुई बंदरिया और ये बोल कर दिव्या भी खूब हसने लगी!
अवनि गुस्से से तिलमिला गयी और जल्दी बाहर गयी ऋषभ के पीछे ज़ब तक वो पहुंचती ऋषभ बाइक लेकर गेट के बाहर जा रहा था!
दिव्या की कार मे बैठ कर अवनि घर की और चल दी घर पहुंच कर वो जैसे ही रूम की तरफ जा रही थी की पीछे से डेड की आवाज़ सुन कर चौक गयी!
अरे डेड आप इतनी जल्दी ऑफिस से कैसे आ गए!
बेटा आज हम आप के कॉलेज भी गए थे लेकिन वहा पता चला की अभी कॉलेज लिव होने मे कुछ टाइम है इसलिए आप को बिना लिए वापिस आ गए ये सब छोड़ो ये बोलो की हमारे बेटे का आज का दिन कैसा रहा कोई परेशानी तो नहीं हुई और कुछ दोस्त वगैरह बने!
वो डेड आज का दिन कुछ स्पेशल नहीं रहा लेकिन आई प्रॉमिस कल से सभी दिन अच्छे होंगे!
(अवनि ने कुछ सोच लिया था की अब ऋषभ जैसे लफेगे से कैसे बदला लेना है इंतज़ार था तो कल के दिन का जिसमे अभी टाइम था!)