माँ मुझे अच्छे से प्यार कर लेना, मेरी आँखों में अपनादुलार भर देना,दुनियाँ को सारी मैं ममता सिखाऊँ,ऐसा तुम मेरा श्रंगार कर देना । ....माँ मुझे अच्छे से मैं घुटनों चलूँगी, गिर- गिर पड़ूँगी, गोदी नाचूँगी, खिल खिल हसूँगीझुलूंगी, खेलूँगी , सबको खिलाऊँगी, आँगन मेँ
स्वर्गीयसुभाष चन्द्र बोस युवा शक्ति के प्रेरणा दायक नेता जी डॉ शोभाभारद्वाज सिंघापुर में मेरी बेटी का घर टाउन हाल के पास हैमैं टाउन हाल जाने के लिए उत्सुक थी बेटी मुझे दिखाने के लिये नन्हीं बेटी को लपेट कर हम टाउन हाल पहुंचेवहाँ वृद्ध चीनी इंचार्ज ने चश्में से हमें घूरते हुए क्लास ले ली बच्ची कित
शहर की जिंदगी, घुटन बन गई हैं।जब शहर था सपना , तब गाँव था अपना।सोचा था शहर से एक दिन कमा लूँगा, के गाँव मे एक दिन कुछ बना लूँगा।शहर की चमक ने मुझे ऐसे मोड़ा, शहर मे ठहर जो गया थोड़ा।अब जिंदगी बन गई हैं, किराए का साया।मोडू जो गाँव का रुख थोड़ा, शहर की चमक बन गई है रोड़ा।कमाया था जो हमने शहर से, वो सब यही