हाल फिलहाल में मेरे द्वारा की गई मेरे गाँव की यात्रा के दौरान मेने जो बदलाहट अपने गाँव की फिजा में देखी , उसका काव्यात्मक वर्णन मेने अपनी कविता "मेरे गाँव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर" क
इस सृष्टि में कोई भी वस्तु बिना कीमत के नहीं आती, विकास भी नहीं। अभी कुछ दिन पहले एक पारिवारिक उत्सव में शरीक होने के लिए गाँव गया था। सोचा था शहर की दौड़ धूप वाली जिंदगी से दूर एक शांति भरे माहौ
मेरा शहरकुछ यादें कुछ लम्हेकुछ बंदिशेंमगर बहुत कुछदिया है इसनेमेरे होने का अस्तित्वमुझे जिंदगी के तजुर्बे, औरएक छत...जो इंसान की जरूरत हैऔर क्या चाहिए जिंदगी तुमको ?बस मुस्कान ही तोबहुत लोगों&nbs
सपनो का शहर रायपुर कोरोना काल में हुआ नायाब सौंदर्यीकरण! कई सपने अब भी पूरे होने बाकी, ट्रेफिक के जंजाल से कब मुक्ति मिलेगी?क्या सौंदर्यीकृत स्थलों के रखरखावपर भी उसी तरह ध्यान रहेगा जैसा इन्हे बनाया गया?छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर कोनिखारने में छत्तीसगढ सरकार को अभूतपूर्व सफलता मिली है यह काम
शहर तेरा, गाँव मेरा"हम तेरे शहर में आए है मुसाफ़िर की तरह, कल तेरा शहर छोड़ जाएंगे साहिल की तरह, शहरों में सह मिलते है। गुलशन में गुल खिलते है। सारे शहर में आप जैसा कोई नही। दो दीवाने शहर में। सारे शहर के शराबी मेरे पीछे पड़े। सारे शहर में कैसा है बवाल। एक अकेला इस शहर में, मोहम्मद के शहर में, शहर की ल
सब सेवक बन गए है।पेड़ में बैठने वाले पंछी कहाँ जाएंगे? जब पेड़ ही धरा में समा जाए। इस वजह से पेड़ की तुलना प्रवासी मजदूर व प्राइवेट नौकरी से है।अगर नदी का पानी सूख भी जाए, तब भी नाव नदी में रहेगी पानी न सही रेत काफी है। इस वजह से नदी की तुलना सरकारी नौकरी से है।पहाड़ो में औषधि है, राजनीति में पैसा है। स
जानू की बाते।कोरोना कोरोना सब कोई कहे, भूखा कहे न कोई।एक बार मन भूखा कहे, सौ दो सौ की भीड़ होए।मोदी अंदर सबको रखे, घर से बाहर न निकले कोई।मन की बात मोदी करे, सो बाहर उसकी चर्चा होए।मम्मी एफबी में लिपटी रहे, बेटा-बेटी बैठे टीवी संग।साथी शिकायत करने लगे,पापा नौकरी से आए तंग।एक बार सिंग्नल मिले, भीड़ स्ट
पैदल निकल गये हजारों लाखों लोग उसी पथ पर, जहां कोरोनावायरस के जीवन और उन पथगीरों के मौत के निशान हैं। क्यों निजामुद्दीन जैसे मकतब, मरकज हाटसपाट बन वायरस के, बढ़ा रहे कोरोना का फैलाव हैं? बार्डर, सरहद पर उतरी जनता, आने वाले खतरे से क्या अंजान है? कल तक जिस शहर को अपना माना, आज उसे छोड़ चल देना, इन स
ये शहर है… मेरा !कल तक जहाँ रंगीनियाँ थीं , आज ख़ामोशी है , बेचैनी है । लगता है ,दस्तक दी है फिर किसी तूफ़ान ने ,हर तरफ़ भाग दौड़ है , आज ,धर्म -जाति से परे सब साथ हैं !इस तूफ़ान से लड़ने के लिए सब तैयार !वैसे , शक्ति तो साथ में ही है । तूफ़ान तो हर बार अलग- अलग वेश में आता
तने दरख्तों के शाखों से ही झुकने लगेपानी नहीं बचा कुँए सूखने लगे।मौलवी के सताए हुए इंसान यहाँहै ग़ौर कि अल्लाह पे ही थूकने लगे।ये मुमक़िन न था कि आम आएंगे कभीबोए गए थे कांटें सो उगने लगे।वो गा रहा था बदहालियाँ किसानों कीअचानक ही मंत्रियों सर दुखने लगे।बढ़ते हुए काफ़िलें मजहबों
अपने पैरों खड़ी।समझ स्कूल,कालेज, शैक्षिक संस्थानों की पढ़ाई।घर, गाँव गली में पढ़-लिखकर शहर में हुई बड़ी।कर विश्वास अपने से, हो गई अपने पैरों खड़ी।भागदौड़ कर भीड़ में, पकड़ती हूँ शहर की रेल। शहर से कमा कर वापस आना, नही है कोई खेल।हँसती मुस्कराती ऑफिसों में, दिनों को गुजारती।आ घर, गिर बिस्तर में, दिन की थकी उ
शहर की जिंदगी, घुटन बन गई हैं।जब शहर था सपना , तब गाँव था अपना।सोचा था शहर से एक दिन कमा लूँगा, के गाँव मे एक दिन कुछ बना लूँगा।शहर की चमक ने मुझे ऐसे मोड़ा, शहर मे ठहर जो गया थोड़ा।अब जिंदगी बन गई हैं, किराए का साया।मोडू जो गाँव का रुख थोड़ा, शहर की चमक बन गई है रोड़ा।कमाया था जो हमने शहर से, वो सब यही
गोरखपुर, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में राप्ती नदी के किनारे स्थित एक शहर है | गोरखपुर को पूर्वांचल की राजधानी कहा जाता है। यह नेपाल सीमा के पास स्थित है, राज्य की राजधानी लखनऊ के 273 किलोमीटर पूर्व में। 2011 की जनगणना के अनुसार गोरखपुर की कुल आबादी ६,७३,४४६ है |न्त गोरखनाथ जो
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, जिसे सिटी ऑफ़ जॉय के रूप में जाना जाता है , भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवाँ सबसे बड़ा बन्दरगाह है | आबादी के हिसाब से कोलकाता भारत का तीसरा सबसे बड़ा शहर है | कोलकाता शहर हुबली नदी के बायें किनारे पर स्थित है | ब्रिटिश शासन के दौरान जब कोलकाता एकीकृत भारत क
मदुरई दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। वैगई नदी के किनारे स्थित मंदिरों का यह शहर सबसे पुराने बसे हुए शहरों में से एक है। शहर के उत्तर में सिरुमलाई पहाड़ियां स्थित हैं तथा दक्षिण में नागामलाई पहाड़ियां स्थित हैं। मदुरई का नाम “मधुरा” शब्द से पड़ा जिसका अर्थ है मिठास। कहा जाता है क
देश के रहने लायक शहरों से जुड़े 'लिवेबिलिटी इंडेक्स' में पुणे पहले नंबर पर है। नवी मुंबई दूसरे और ग्रेटर मुंबई तीसरे स्थान पर है। इस मामले में नई दिल्ली का 65वां स्थान है। इस प्रतिस्पर्धा में कोलकाता ने भाग नहीं लिया। टॉप 10 में मध्य प्रदेश के 2 शहर भोपाल और इंदौर भी हैं
जोधपुर भारत के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर या ज़िला है। इसकी जनसंख्या १० लाख के पार हो जाने के बाद इसे राजस्थान का दूसरा "महानगर " घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने
यूपी का वाराणसी भी देश की आजादी के लिए छिड़े स्वतंत्रता संग्राम का गवाह रह चुका है। वाराणसी के चौक थाने के बगल में दालमंडी के नाम से प्रसिद्ध गली आज बिजनस का बड़ा हब बन गई है, लेकिन कभी इसी गली में कोठे हुआ करते थे जहां से आने वाली तवायफों के घुंघरूओं की झनकार ने अंग्रेजी
गोरखपुरउत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में नेपाल के साथ सीमा के पास स्थित भारत का एक प्रसिद्ध शहर है। यह गोरखपुर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यह एक धार्मिक केन्द्र के रूप में मशहूर है जो बौद्ध, हिन्दू, मुस्लिम, जैन और सिख सन्तों की साधनास्थली रहा। किन्तु मध्ययुगीन सर्वमान्य सन्त गोरखनाथ के बाद
बोधगया – बौद्धों का पूजनीय स्थलअंतरराष्ट्रीय पर्यटन की नज़र से देखे तो बोधगया बिहार का सबसे सुप्रसिद्ध स्थान है। बिहार में यह इकलौती ऐसी जगह है जो विश्व धरोहर के दो स्थलों में से एक है। बौद्धों के लिए यह जगह बहुत ही पूजनीय है क्योंकि, इसी स्थान पर बोधि वृक्ष के नीचे बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।