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मुमकिन भाग 2

17 दिसम्बर 2023

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भाग-1 में आप लोगो ने देखा कि किस तरह गांव वाले सुनील का मज़ाक उड़ाया करते थे परन्तु सुनील अपने सपनों पर अडिग था और इन सब बातों का उस पर कोई खास प्रभाव न पड़ता थाl  वक़्त गुज़रता गया और सुनील भी जी तोड़ मेहनत करता रहा इस बीच सुनील का बड़ा बेटा हाई स्कूल की परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुआ और आगे की पढ़ाई के लिए सुनील ने अपने दोनों बच्चों को शहर के ही एक हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया जिससे सुनील की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गयी उसने बड़े बेटे का दाखिला शहर की एक मशहूर आईआईटी कोचिंग क्लास में इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए करवा दिया जिसमें सुनील के लाखों रुपये खर्च हो गए

इस कारण सुनील की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि वो कर्ज में उतर गया पर उसके हौंसले अभी भी बुलंदियों पर ही थेl

निगाहें शिखर ए मंज़िल पर क्या गई

                बेताब कदम खुद ब खुद चल पड़े

मुश्किलों से भरे रास्तों की थाह न ली

               नजरे शिखर से मिलाकर निकल पड़े 

कुछ एसे ही हालातों का सामना सुनील भी कर रहा था सपने तो वो देख ही चुका था अब चाहे जीवन खत्म हो जाए पर सपने अधूरे नहीं रहने देना l सुनील भी अब दोगुनी मेहनत करने लगा वो पूरे दिन में मात्र दो घंटे ही सोता था और यही सिलसिला महीनों तक चलता रहा पर उसने बच्चों को इस बात की भनक तक न लगने दी ताकि उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट पैदा न हो जाए तो वही दूसरी ओर  अपने पिता के हालातों से बेख़बर उसके बच्चे भी बड़ी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करते थे l और कहीं ना कहीं बच्चे भी अपने पिता की परिस्थितियों से अनजान ना थे और अप्रत्यक्ष रूप से अपने पिता के संघर्ष के बारे मे सब जानते थे l

सुनील के हालात इतने बदतर हो गए थे कि गांव वाले उसका मज़ाक बनाने लगे थे और बात बात पर उसे बेवकूफ़ कहा करते थे जिससे सुनील भी एक अप्रिय मानसिक वेदनाओं से त्रस्त हो चुका था l


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रचनाएँ
मुमकिन
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मुमकिन कहानी आधारित है अपने बच्चों के लिए एक पिता के द्वारा सृजित सपनों की l जिन्हें पूरा करने के लिए पिता मुश्किलों के उस दौर से गुजरा जहां से परिस्थितियों के प्रतिकूल होने पर भी उस पिता ने हार न मानी और अंततः उसकी जोरदार जीत से कई आलोचकों के मुंह पर करारा तमाचा लगा जो उसकी गरीबी का मज़ाक बनाया करते थे l
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मुमकिन भाग 1

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एसा क्या है जो किया नहीं जा सकता डर से खुलकर क्यूं जिया नहीं जा सकता कहते है कि इस दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं होता जरूरत है तो बस थोड़े से हौंसले कि और कुछ कर गुज़रने के चाहत की l हमारी य

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मुमकिन भाग 2

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भाग-1 में आप लोगो ने देखा कि किस तरह गांव वाले सुनील का मज़ाक उड़ाया करते थे परन्तु सुनील अपने सपनों पर अडिग था और इन सब बातों का उस पर कोई खास प्रभाव न पड़ता थाl  वक़्त गुज़रता गया और सुनील भी जी त

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मुमकिन भाग 3

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भाग-2 में आप लोगों ने देखा कि गांव वालों के मज़ाक से सुनील की मानसिक दशा खराब होती जा रही पर सुनील भी एक रबर की भांति अडिग था कोई कितना भी तोड़ मरोड़ ले पर अंत मे वह अपना आकार फिर से ले ही लेता है l

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मुमकिन भाग 4

17 दिसम्बर 2023
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भाग 3 में आप लोगों ने देखा कि किस तरह सुनील पैसों की व्यवस्था में खुद को पूरी तरह भूल चुका था सुनील को तकरीबन पांच लाख रुपयों की जरूरत थी ताकि वो अपने पुत्र की फीस और अन्य जरूरतें पूरी कर कानपुर में

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मुमकिन भाग 5

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इस कथा के सबसे मार्मिक दृश्य भाग 4 में आपने देखा कि किस तरह सुनील अपने परिवार के साथ घर छोड़कर निकल पड़ता है और इस गांव में उसका कोई भी दूसरा ठिकाना नहीं था और अपने आत्मसम्मान के कारण किसी भी रिश्तेदा

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मुमकिन भाग 6

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भाग 5 में आपने देखा कि किस प्रकार एक बच्चे को अपने पिता के संघर्षों की दास्तान सहसा ही पता चल जाती है शायद ये ईश्वर की ही रज़ा थी कि बच्चे को भी अपने पिता के संघर्षों के बारे मे जानने का मौका मिला और

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मुमकिन भाग 7

17 दिसम्बर 2023
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भाग 6 में आप लोगों ने देखा कि किस तरह सुनील अपने साथ हो रही इस ख़ुशनुमा बातों को लेकर हैरान था इसलिये सारा माजरा समझने के लिये वो वापस अपने पुराने गांव मे अपने परिवार के साथ लौट जाता है और वहां पहुं

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