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मुमकिन भाग 1

17 दिसम्बर 2023

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एसा क्या है जो किया नहीं जा सकता
डर से खुलकर क्यूं जिया नहीं जा सकता
कहते है कि इस दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं होता जरूरत है तो बस थोड़े से हौंसले कि और कुछ कर गुज़रने के चाहत की l
हमारी ये कहानी भी एसे ही एक शख्स पर आधारित है जिसके सपनों पर दुनिया हंसा करती थी किन्तु जिस दिन उसके कद ने बादलों को चीरा उस दिन  दुनिया इतनी छोटी हो गई कि शायद उससे नजरे मिलाना तो दूर दुनिया की नजरे उस शख्स की नजरों तक देख पाने में भी असमर्थ थी l
चंद हौसलों की चाहत में
                 बिक पूरा बाजार गया
अपनी हार से जो ना हारा
                 वो हर बाज़ी मार गया
ये कहानी है झारखंड के निवासी सुनील की जो अपने छोटे से परिवार के साथ जिसमें उसके बूढे मां बाप, पत्नी और दो छोटे बच्चे थे झारखंड के एक कस्बे में रहता थाl हर पिता की तरह सुनील की भी इच्छा थी कि उसके बच्चे बड़े होकर डॉक्टर या इंजीनियर बने और अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए वो दिन रात मेहनत किया करता था l सुनील की एक छोटी सी चाय की दुकान थी जिससे उसकी इतनी आमदनी हो ही जाती थी कि उसका परिवार पल सके l
बच्चे थोड़े बड़े हुए तो सुनील ने उनका दाखिला पास ही के एक विद्यालय में करवा दियाl बच्चों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कोई कमी ना हो इसलिए सुनील दिन भर चाय की दुकान चलाने के बाद रात को कोयले की खदान में काम करने लगा और उसकी पत्नी ने भी धोबी का काम शुरू कर दिया और लोगों के कपड़े धोने लगीl वक़्त गुजरता गया और बच्चे जब थोड़े बड़े हुए तो सुनील ने बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए गांव से 40 किलोमीटर दूर शहर के एक स्कूल में उनका दाखिला करवा दिया जिसकी फीस भी बहुत ज्यादा थी पर सुनील की जिद के आगे ये कुछ भी नहीं था l
हौंसले कि उड़ान भरने से
                  परिंदे कभी थका नहीं करते
इनकी चहचहाहट से ही सुबह होती है
      ये सुबह का इंतजार किया नहीं करते
तिनका तिनका बिन कर
                  घोंसला बनाना आसान नहीं
लाख मुश्किलें होती है बेशक पर ये
           हार को स्वीकार किया नहीं करते
अब जहां एक ओर सुनील अपने बच्चों के लिए देखे गए सपनों को साकार करने की जिद में दिन रात मेहनत कर रहा था तो वही दूसरी ओर गांव के लोग उसकी हंसी उड़ाते थे कि ये चाय बेचने वाला अपने बच्चों को डॉक्टर बनाएगा l

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

आपने अपने भावों को बेहद खूबसूरत तरीके से व्यक्त किया है,,👌👌

20 दिसम्बर 2023

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रचनाएँ
मुमकिन
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मुमकिन कहानी आधारित है अपने बच्चों के लिए एक पिता के द्वारा सृजित सपनों की l जिन्हें पूरा करने के लिए पिता मुश्किलों के उस दौर से गुजरा जहां से परिस्थितियों के प्रतिकूल होने पर भी उस पिता ने हार न मानी और अंततः उसकी जोरदार जीत से कई आलोचकों के मुंह पर करारा तमाचा लगा जो उसकी गरीबी का मज़ाक बनाया करते थे l
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मुमकिन भाग 1

17 दिसम्बर 2023
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एसा क्या है जो किया नहीं जा सकता डर से खुलकर क्यूं जिया नहीं जा सकता कहते है कि इस दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं होता जरूरत है तो बस थोड़े से हौंसले कि और कुछ कर गुज़रने के चाहत की l हमारी य

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मुमकिन भाग 2

17 दिसम्बर 2023
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भाग-1 में आप लोगो ने देखा कि किस तरह गांव वाले सुनील का मज़ाक उड़ाया करते थे परन्तु सुनील अपने सपनों पर अडिग था और इन सब बातों का उस पर कोई खास प्रभाव न पड़ता थाl  वक़्त गुज़रता गया और सुनील भी जी त

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मुमकिन भाग 3

17 दिसम्बर 2023
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भाग-2 में आप लोगों ने देखा कि गांव वालों के मज़ाक से सुनील की मानसिक दशा खराब होती जा रही पर सुनील भी एक रबर की भांति अडिग था कोई कितना भी तोड़ मरोड़ ले पर अंत मे वह अपना आकार फिर से ले ही लेता है l

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मुमकिन भाग 4

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भाग 3 में आप लोगों ने देखा कि किस तरह सुनील पैसों की व्यवस्था में खुद को पूरी तरह भूल चुका था सुनील को तकरीबन पांच लाख रुपयों की जरूरत थी ताकि वो अपने पुत्र की फीस और अन्य जरूरतें पूरी कर कानपुर में

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मुमकिन भाग 5

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इस कथा के सबसे मार्मिक दृश्य भाग 4 में आपने देखा कि किस तरह सुनील अपने परिवार के साथ घर छोड़कर निकल पड़ता है और इस गांव में उसका कोई भी दूसरा ठिकाना नहीं था और अपने आत्मसम्मान के कारण किसी भी रिश्तेदा

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मुमकिन भाग 6

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भाग 5 में आपने देखा कि किस प्रकार एक बच्चे को अपने पिता के संघर्षों की दास्तान सहसा ही पता चल जाती है शायद ये ईश्वर की ही रज़ा थी कि बच्चे को भी अपने पिता के संघर्षों के बारे मे जानने का मौका मिला और

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मुमकिन भाग 7

17 दिसम्बर 2023
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भाग 6 में आप लोगों ने देखा कि किस तरह सुनील अपने साथ हो रही इस ख़ुशनुमा बातों को लेकर हैरान था इसलिये सारा माजरा समझने के लिये वो वापस अपने पुराने गांव मे अपने परिवार के साथ लौट जाता है और वहां पहुं

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