10 जनवरी 2022
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लिखने मे खो जाएं ... इस कदर.. कि होश ही.. ना..फिर आ पाए...D
यें..दिल जब किसी पर सचमुच में आ जाती है ....। तो सिर्फ दिल लगाने बाले ही इसकी दशा जानते है ....। कैसे वो दिल के साथ साथ क्या क्या खो देता है । यह बस वहीं जनता है । किसी साधारण
🍃नाम सुनने से ही कितनी पीड़ा होती है । उजडा घोसला ! भला वो किसी की भी आसियाना क्यों न हो ......सभी के लिए उतना ही दुखद होता है । मेरे छत की ऊपरी खिड़की के ऊपर गोरैये के एक जोड़े ने घोसला बन
🌺🌿🌸 अरे बहादुर शाह जी आपका बेटा तो आपका आईना दीखता.. हैं.. ऐसी हीं.. कुछ दुआएं.. देतें.. जो उन्हें देखते.. कुछ ऐसी ह
🌺🌺सौभाग्यवती भव... का आशीर्वाद ससुर मोहन लाल जी ने मिली को दिया था । मिली ने जैसे ही ससुर जी के पाँव छुये थे उस समय.. । मिली को तो लगा था चिल्ला - चिल्ला कर बता दू कि कैसा सौभाग्यवती । य
☘️☘️डॉक्टर साहिबा..है । डॉक्टर साहिबा..है .....इस तरह से चिल्लाने की आवाज़ सुन के क्लिनिक के केयर टेकर रामु ने डॉक्टर के क्लिनिक को खोला और उन्होंने आबाज लगाने बाले रहीम से कहा भाई.....! डॉ
🌸🌸डॉक्टर सहिबा..है । डॉक्टर सहिबा..है .....इस तरह से चिल्लाने की आवाज़ सुन के क्लिनिक के केयर टेकर रामु ने डॉक्टर के क्लिनिक को खोला और उन्होंने आबाज लगाने बाले रहीम से कहा भाई.....! डॉक्
🌺🌿पिकनिक नाम से ही बड़े ,युवा हो या बच्चा सबों के खुशियों का ठिकाना ही नहीं रहता है । दिसंबर की प्यारी गुनगुनाती धूप में हमने भी अपने पूरे परिवार के साथ - साथ अपने फ्रें
🌸🍃आजादी कितनी प्यारी शब्द है ना ! सुनते ही रग - रग में खुशियों की लहर दौड़ जाये । सही मायने में आज जानवर ही आजाद है , उस अपवाद जानवर को छोड़ कर जो जंजीर में या पिंजरे में कैद है