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सही नहीं.. दिल्लगी

10 जनवरी 2022

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यें..दिल जब किसी पर सचमुच में आ जाती है ....। तो सिर्फ  दिल लगाने बाले  ही इसकी दशा जानते है ....। कैसे वो दिल के साथ साथ  क्या क्या खो देता है । यह बस वहीं जनता है । किसी साधारण  को भला क्या पता  चलें ....   इस दिल के लगाना .... ।

ऐसे ही तो एक आगंतुक आफिसर पर अपना दिल न्योछावर कर दी  थी   मोनी ने .... । मोनिका  ! जिसे प्यार से  सब मोनी कहते है ।

सबों की लाडली मोनी , अपने खानदान की इकलौती बारिश । जब वो अपने आँगन में चहकती है तो  लगता है ,  कई बुलबुल मिलकर एक साथ  गाने लगी हो । वो पापा की प्यारी , मम्मा की राजदुलारी , दादा - दादी की परी पोती है ।

अभी - अभी तो बोर्ड का परीक्षा -  फल आया है । बोर्ड के परीक्षा में वो स्कूल टॉपर रही है । घर में सभी रिश्तेदार और पहचान बालों का ....बधाई देने के लिये जैसे ताँता लगा हुआ था ।

हर सखी - सहेली  एवं  सहपाठी ने तो घर आ - आ कर बधाई दे रही है मोनी को । मोनी तो जैसे खुशी से फुले नहीं समां रही है । लग रहा है  जैसे पूरे शहर की आइडियल  हो गई है वो । पूरे शहर के साथ - साथ जैसे वो खुद भी खुद को ही अपना आइडियल समझने लगी है  ।

ना जाने मोनी को क्यों कुछ ज्यादा ही खुद पर गर्व  हो गया । हो भी क्यों नहीं घर के सभी सदस्यो का इतना प्यार तो किसी - किसी को मिलता है । उसी भाग्य बालो में मोनी भी तो है । मोनी बस खुद में और अपनी पढ़ाई में ध्यान देती है । पर जो होनी होती है, वो तो हो कर रहती है । कोन  जनता था इतनी होनहार लड़की किसी के प्यार में भी पर सकती है वो भी इस तरह से .......।

एक दिन वह अपने दरबाजे पर ही अपने आराम दायक चेयर पर आराम करते हुये पढ़ रही थी । तभी एक ऑटो से पड़ोस के  घर  में एक युवक को उतरते हुए देखा  ,शायद वह उसका किरायेदार  था । उस युवक को  वह , ना चाह कर भी देखती रही है , तब तक ,जब तक कि वह ऑटो बाले से  किराया  वगेरह का  लेन - देन और  अपना सामान अंदर कमरे तक ना पंहुचा लिया वह अपलक उसे ही  देखती  रहती  है ।  आज ये क्या हो गया उसे ......।

उस आगन्तुक का  प्यारा सा सलोना चेहरा , उसकी आँखों से उतरता ही नहीं । ये अजनबी तो लगता है कोई जादू कर दिया है । ये उसे क्या हो रहा है वो तो खुद पर फख्र करती है । ये क्या है ......। अगर ये प्यार है ....तो ये तो बहुत बुरा हो रहा है उसके साथ । ओह गॉड ! ऐसा मुझे कुछ ना होना .......। पर सब कुछ कभी - कभी अपने हाथोंं में नहीं होते है । कभी- कभी हम वक्त के खिलौने होते है , और हम नाचते  ही चलें जाते है उसके अनुसार ।

न जाने  उस अजनवी से ऐसा क्या हो गया उसे  कि वो खुद के बस में ही नहीं रह रही है । शायद इस को प्यार कहते  है या आकर्षण पता नहीं । लेकिन  मोनी खुद के वश में नहीं है ।

दिन- रात अजनबी को देखने की चाह रखना और उसी को  सोचना उस की नियति बन गई  है । उसकी  पढाई भी  इफेक्ट हो रही है ।  माँ  पापा से कैसे मै अपना अनुभव बताऊँँ.....। नहीं....नहीं.....वो मुझे सबसे अच्छी बेटी मानते है । उफ ! मै क्या करुँ ।

उसकी बालकनी की  खिड़की से उस अजनबी का रूम के बाहर की सारी गतिविधि उसे  दिखती है । जब तब
अनायास  ही मोनी के कदम उस खिड़की की ओर चला जाता है ।

सर्दी का मौसम है । दिसंबर के कुनकुनाती धूप में वो अजनबी सो रहे है । अब मोनी के लिए वो अजनबी नहीं रहा है ,पडोस के एक ऑन्टी से वह असका नाम जान चुकी है । उसका नाम है माधव । नाम भी तो कितना भाया मोनी को ।  जब वो काला चश्मा लगा कर बाज़ार के लिए निकलते है तो , मोनी का दिल चिल्ला -चिल्ला कर गाने का मन करता है - गोरे - गोरे मुखरे पर काला -काला चश्मा ,तोबा तेरा रूप क्या खूब है करिश्मा ।

एक दिन जो नही  होने चाहिए वो हो गया , ना चाह कर भी उस सोए हुये  माधव को  उसने अपने दिल की बात वह इस तरह से लिख कर , एक छोटी सी पत्थर में बाँध कर उस सोए हुए माधव के ऊपर फेक दी  खत माधव के  सीने के ऊपर   जाकर लगी । उन्होने  सिने पर  हाथ रखने के साथ - साथ नजरे इधर उधर दौड़ायी  । देखा एक सुंदर सा मुस्काता  चेहरा दिखाई दिया । इतना मुस्कान भरी चेहरा का तो कोई भी  दिवाना हो जाए । आज शायद वो पहली बार ही इतने करीब से उसे देख रहे है । ना जाने दोनोंको को लगा कि दोनों ही  ने आँखों ही आँखों में ढेरों बात कर लिए हो । माधव ने सीने पर से खत उठा कर पढ़ने लगा । उसमें एक जगह और टाइम मिलने के लिए लिखा हुआ है । वह मोनी को देखकर मुस्काया । माधव को लगा  कि उसकी मुरादें जैसे पूरी हो गई ।

दोनों मिलने लगे सबों से बचकर , सबसे छुपकर और छुपाकर । एक दूसरे से  कसमें वायदे खाने लगे  संग जीने की । इस तरह से दोनों ही रंगीन दुनियां में दोनों खोने लगे ,। लेकिन ये सब मोनिका के तरफ से तो दिल से हो रहा था और माधव बस दिल्लगी ही कर रहा था। यहाँ की  नई दुनिया में एक लड़की ने खुद ओफर दिया था , उसकी तो जैसे मुरादे ही पुरी हो गई थी । वो ये भी नहीं सोचा कि वो तो सेटल है । इस मोनी का क्या होगा अगर वो इस रिश्ते में सीरियस नहीं रहा तो ।

फिर भला वो इतना क्यों सोचता,  उसके तो बांकी का टाइम मस्त मटर गस्ती में , युँ दिल्ल्गी करते हुये गुजर रहा है , और न जाने क्या -क्या ।

एक शाम दादा जी को थोड़ी घुटन सी हो रही थी ....सोचा क्यों ना पोती मोनिका के साथ गुजारा जाए ,जो अकेली ही अक्सर बालकनी में पढ़ाई करती है , और थोड़ा देख भी ले कि पोती जी की पढ़ाई कैसे चल रही है ।

यही सोच आज खुशी- खुशी दादा जी पोती के किताबों के पास जाकर बैठ गए , शायद पोती  गुसलखाने  गई थी ।अपने दादा जी के आने से अनभिज्ञ मोनिका ने आते ही देखा की इसके दादा जी वह लव लेटर जो अभी- अभी मोनिका माधव के लिये लिखी हुई थी ,वो  लेटर पत्र  दादा जी पढ़ रहे है. उसके तो जैसे होश ही उड़ गए .......। कितनि उजुल फिजुल बान्ते वो तो ,खत मे लिखी हुयी है ।

ये क्या हो गया..... दादा जी को कितना गर्व है .....अपने पोती के ऊपर अब  उसकी इज्ज़त मिट्टी में मिल जाएगी । उसे बहुत ही ग्लानी महसुस हो रही है .........।.छी छी उम्र में भी तो माधव कितने बड़े है उससे। ।वह  कभी  कुछ अच्छा उसे बताया भी तो नहीं ,उफ ! अब क्या होगा ।
सबों  का तो सीना गर्व से ऊँचा रहता हे बेटी मोनिका के लिए । अभी -अभी तो बस वह माधव को खत फेकने ही बाली थी ,अब दादा  जी देख लिए क्या -क्या गन्दी ही बातें तो वो खत में लिखी है .....पता नहीं माधव कितने सीरियस है...... ,मुझे पता भी ना चल सका ।

दादा जी का गुस्सा से शरीर कांप रहा है ,ये तो  सपष्ट ही दिख रहा है । वह दौड़ते हुए अपने रूम  गयी,और अपना रूम अंदर से बंद कर ली ।

दादा जी सभी  को जल्दी -जल्दी  सभी को  चिल्लाते हुए मोनिका के कमरे तक पहुँचते है।  दादा जी के आबाज से, घर के बांकी सदस्य भी मोनिका के रूम के दरबाजे तक पहुन्चते है ।
दरबाजे नहीं खुलने से .... सबों ने मिलकर  दरबाजे  को तोड़ दिया.......,फिर वो देखते है , कि मोनिका पंखे से झूल रही है .......।
उसे आनन फानन में हॉस्पिटल पंहुचाया गया है  .........।

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रचनाएँ
अप्रत्यासित सा..🌺🌺
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कुछ अलग.. शायद सबसे अलग.. कुछ पानेक़ी , सोचने क़ी, मिलने क़ी उम्मीद..हो मिलने बाली.. आगे यही सब.. कुछ ख़ास हैं होने बाली..। 🤗
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12 जनवरी 2022
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🌸🍃आजादी कितनी प्यारी शब्द है ना ! सुनते ही रग - रग में खुशियों की लहर दौड़ जाये । सही मायने में आज जानवर ही आजाद है , उस अपवाद जानवर को छोड़ कर जो जंजीर में या पिंजरे में कैद है&nbsp

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