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मिलती नही हमेशा, यहां चम्मच चांदी की;ये जिंदगी भी, हर किसी के बस की बात नहीं ।यहां की सारी जुड़ी हुई चीजें, कई जगह से पड़ी टूटी फुटी हुई ।घने घने दरख्तो की छाया में, धूप बिलकुल मालूम भी न पड़ी;राह गुज