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एक नज़र ...

20 मई 2016

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मेरी हर एक नज़र में अक्स तेरा ही था,

मेरी हर एक जेहन मैं ज़िक्र तेरा ही था 

हर पल हर घडी तुझे बेपनाह चाहा तुझे,

जब थी तेरी जरुरत मुझे तेरी , तू साथ न था.

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