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दोस्त... शायद परिवार के बाद भगवान की बनाई हुई सबसे खुबसुरत चीज़, एक ऐसा रिश्ता जिसमे ना कोई बंदिश होती है और ना ही कोई जोर जबरदस्ती,कुछ ऐसे बेवकुफ जिन्हें मस्ती
मेरी हर एक नज़र में अक्स तेरा ही था,मेरी हर एक जेहन मैं ज़िक्र तेरा ही था हर पल हर घडी तुझे बेपनाह चाहा तुझे,जब थी तेरी जरुरत मुझे तेरी , तू साथ न था.