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रक्षा बंधन

17 अगस्त 2024

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रानी कर्णावती ने जब राखी भेजी थी,  
दिल में उमड़ी थी चिंता की लहर,  
मेवाड़ की आन-बान की खातिर,  
भाई हुमायूं को पुकारा था वो सफर।  

दुश्मनों की बर्बरता से रक्षा हो,  
मेवाड़ का मान ना कभी झुके,  
इस राखी की डोर में बंधे थे अरमान,  
कि बहन की इज़्ज़त, भाई सदा रखे।  

न देखा मज़हब, न देखा सरहद,  
बस भाईचारे का मान रखा,  
हुमायूं ने भी फरमान भेजा,  
राखी की लाज निभाने चला।  

मेवाड़ की माटी से निकला प्रेम,  
रानी कर्णवती के दिल का संदेश,  
राखी की इस पवित्र डोर ने,  
दो दिलों को जोड़ दिया अशेष।  

आज भी गूंजती है ये कहानी,  
भाई-बहन के अटूट विश्वास की,  
एक राखी ने जो इतिहास रचा,  
वो मिसाल है अनमोल धरोहर की।  

Sangeeta

Sangeeta

Very good pawanji.continue it.

20 अगस्त 2024

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा है आपने सर 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा और लाइक जरूर करें 🙏🙏

19 अगस्त 2024

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने 🙏

18 अगस्त 2024

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रचनाएँ
सावन आया
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सावन का महीना हर वर्ष सावन का पवित्र माह जब आता है मिलती है हर भक्त को मंजिल राह पाता है हर भक्त भोले नाथ की सेवा में लग जाता है शिवजी पर निरंतर जल प्रवाह किया जाता है बेलपत्र , धतूरा और भंग का अभिषेक होता है मेघो का झुंड उमड़ घूमंड कर जल बरसाता है मौसम का नजारा बहुत सुहावना बन जाता है चारो और वातावरण हरियाली छाती जाती है सारी पहाड़ी ,पर्वत पर हरियाली नजर आती है वेद पुराणों में सावन मास का जिक्र आता है दान धर्म पूजा पाठ के लिए ये मास आता है जब ही तो सभी को सावन को हरियाली हमें मन भावन और मोहक नजर आती है । सावन में सुबह उठकर शिवालय जाते है ऐसे परिदृश्य देखकर कितना खुश हो जाते है होते किसान भी खुश बारिश शुरू हो जाती है निकल पड़ते है कावड़िए शिव को जाते है । पैदल चलकर दुख दर्द भूलकर ,चलते जाते है चल पड़ते है कदम शिवजी को जल चढ़ाने पवित्र गंगा जल से अभिषेक किया जाता है बम भोले के जयकारों से मंदिर गूंज जाता है । सुबह सुबह भोलेनाथ की आरती से मन शांत और प्रसन्नचित हो जाता है ओम नमः शिवाय से वातावरण मनमोहन हो जाता है । सावन का महीना आता है । सबके मन खुशियां लाता है । हर वर्ष सावन का पवित्र माह जब आता है मिलती है हर भक्त को मंजिल राह पाता है पवन कुमार शर्मा कवि कौटिल्य
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मर गई इंसानियत, बस शरीर जिंदा है

8 अगस्त 2024
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मर गई इंसानियत, बस शरीर जिंदा है मर गई इंसानियत, बस शरीर जिंदा है, दिलों में अब न वो जज़्बात, न वो रिश्ता ज़िंदा है। जहाँ कभी मोहब्बत की थी इबादत होती, वहाँ अब नफरत का ही दस्तूर जिंदा है। हर तर

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वाह अमन

10 अगस्त 2024
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वाह अमन, क्या खूब कमाल दिखाया, पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचाया। ब्रोंज किया अपने नाम, विदेश में फिर तिरंगा चमकाया आपने किया  देश का नाम रोशन मां भारती का शीश ऊँचा उठाया। माँ का आशीर्वाद, पिता की दुआ

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आजादी का पर्व

15 अगस्त 2024
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जो गूंज उठी थी आसमान में। सुभाष की वो आज़ादी की राह, जो जल उठी थी हर दिल में। रानी लक्ष्मीबाई की तलवार, जो अंग्रजों को हरा गई। वीरों का ये देश हमारा, जिसने हर जुल्म मिटा दिया। तुम भी उनके पदचिन

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आजादी का पर्व

15 अगस्त 2024
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जो गूंज उठी थी आसमान में। सुभाष की वो आज़ादी की राह, जो जल उठी थी हर दिल में। रानी लक्ष्मीबाई की तलवार, जो अंग्रजों को हरा गई। वीरों का ये देश हमारा, जिसने हर जुल्म मिटा दिया। तुम भी उनके पदचिन

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रक्षा बंधन

17 अगस्त 2024
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रानी कर्णावती ने जब राखी भेजी थी,   दिल में उमड़ी थी चिंता की लहर,   मेवाड़ की आन-बान की खातिर,   भाई हुमायूं को पुकारा था वो सफर।   दुश्मनों की बर्बरता से रक्षा हो,   मेवाड़ का मान ना कभी झुके

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श्री कृष्णा जन्माष्टमी

26 अगस्त 2024
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गीता के उपदेशों से जीवन को राह दिखाए, कर्म और भक्ति का मार्ग हमें सिखाए। श्रीकृष्ण का जन्म है अत्यंत महत्वपूर्ण, भारतीय संस्कृति का हिस्सा, यह हमारे दिलों का मंगल चरण। सौलह कला से सम्पूर्ण मनोहर म

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शिक्षक दिवस

5 सितम्बर 2024
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शिक्षक वो है जो दीप जलाए,   अंधकार में राह दिखाए।   ज्ञान की ज्योत जलाए हर दिन,   बनाता है जीवन का किनारा सुनहरा वहीं।   शिक्षक वो नही जो बस पढ़ाए,   वो है जो हमें सच्ची राह बताए।   सपनों को

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शिक्षक दिवस

5 सितम्बर 2024
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शिक्षक वो है जो दीप जलाए,   अंधकार में राह दिखाए।   ज्ञान की ज्योत जलाए हर दिन,   बनाता है जीवन का किनारा सुनहरा वहीं।   शिक्षक वो नही जो बस पढ़ाए,   वो है जो हमें सच्ची राह बताए।   सपनों को

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शिक्षक दिवस

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