रत्न थे वो टाटा, भारत की शान,
देश के विकास में उनका सदा योगदान।
राष्ट्रवाद की मशाल, परोपकार की मिसाल,
भारत माँ के सच्चे लाल, अद्वितीय थे बेमिसाल।
औद्योगिक क्रांति के वो थे प्रेरणा स्रोत,
सपनों को दिया उन्होंने आकार का रूप।
गरीबों का सहारा, शिक्षा का प्रणेता,
हर क्षेत्र में उनका नाम था जगमगाता।
आज भले ही चले गए हों इस धरा से,
पर यादें उनकी रहेंगी सदा हृदय में बसे।
हिंदुस्तान कभी नहीं भूलेगा उनका योगदान,
रत्न जी टाटा का रहेगा अमर यह सम्मान।