जो गूंज उठी थी आसमान में।
सुभाष की वो आज़ादी की राह,
जो जल उठी थी हर दिल में।
रानी लक्ष्मीबाई की तलवार,
जो अंग्रजों को हरा गई।
वीरों का ये देश हमारा,
जिसने हर जुल्म मिटा दिया।
तुम भी उनके पदचिन्हों पर चलो,
रखो देश का मान सदा।
भारत माँ की सेवा में ही,
अपनी सारी शक्ति लगाओ सदा।
देश की मिट्टी की खुशबू में,
अपना हर स्वप्न समर्पित कर दो।
वीरता और बलिदान की गाथा में,
अपना नाम भी अंकित कर दो।
भारत माँ के वीर सपूतों को,
हम सब नमन करें सदा।
देशभक्ति का दीप जलाकर,
उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पण करें सदा।
पवन कुमार शर्मा