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Babita.kumari की पुस्तकें

ऐसा प्यार

ऐसा प्यार

सागरिका ,उस दिन अपने होने वाले पति से पहली बार मिलने ,के,लिए जा रही थी।शायद वो थोड़ी लेट हो चुकी थी। सुबह का समय था। बारिसो का सीजन चल रहा था। कुल मिलाकर उस दिन मौसम सुहाना सा था।सागरिका जब घर से निकली ही थी,की , हलकी हवाएं और बारिसो की बुंदे भी अप

40 पाठक
26 रचनाएँ

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ऐसा प्यार

ऐसा प्यार

सागरिका ,उस दिन अपने होने वाले पति से पहली बार मिलने ,के,लिए जा रही थी।शायद वो थोड़ी लेट हो चुकी थी। सुबह का समय था। बारिसो का सीजन चल रहा था। कुल मिलाकर उस दिन मौसम सुहाना सा था।सागरिका जब घर से निकली ही थी,की , हलकी हवाएं और बारिसो की बुंदे भी अप

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हमसफ़र

हमसफ़र

आदिती ने ये तय कर लिया था ,की वो अब खामोशी की चादर के साये मे ही अपनीपूरी बिता देगी ? वो स्वयं खामोश हो गई थी या फिर हालात ने।उसे खामोश कर दिया था ।ये हम उसकी जीवन की गहराइयों मे जाकर देखेंगे ?क्या गुनाह कर बैठी थी भुमी जो। उसकी आँखो मे लेखिक

16 पाठक
10 रचनाएँ

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हमसफ़र

हमसफ़र

आदिती ने ये तय कर लिया था ,की वो अब खामोशी की चादर के साये मे ही अपनीपूरी बिता देगी ? वो स्वयं खामोश हो गई थी या फिर हालात ने।उसे खामोश कर दिया था ।ये हम उसकी जीवन की गहराइयों मे जाकर देखेंगे ?क्या गुनाह कर बैठी थी भुमी जो। उसकी आँखो मे लेखिक

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तमन्ना

तमन्ना

तमन्ना का नाम तमन्ना उसकी माँ ने प्यार से रखा होगा या फिर उन्हे ये लगता था ,की तमन्ना नाम रखने से उनकी बेटी की हर तमन्ना पुरी हो जायेगी ये सोंच कर ये नाम रखा था ।तमन्ना बहुत छोटी थी जब उसकी माँ का देहांत उनकी बीमारी की वजह से हो गई थी । तमन्ना उस ब

5 पाठक
2 रचनाएँ

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तमन्ना

तमन्ना

तमन्ना का नाम तमन्ना उसकी माँ ने प्यार से रखा होगा या फिर उन्हे ये लगता था ,की तमन्ना नाम रखने से उनकी बेटी की हर तमन्ना पुरी हो जायेगी ये सोंच कर ये नाम रखा था ।तमन्ना बहुत छोटी थी जब उसकी माँ का देहांत उनकी बीमारी की वजह से हो गई थी । तमन्ना उस ब

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Aisa.pyar

Aisa.pyar

Sagarika.us.din.apne.hone.wale.pati.se..pahli.baar..Milne.ke.liye.jaa.rahi.th !said.wo.thori.let.ho.chuki.thi ?subh.ka.samay.tha,Tachibana aath.sadhre.aath.baje.ka.samay.raha.hoga?wo.to.apne.hone.waale.pati.se.mil..bhi.nahi.pati.hai.aur.rista.hone.se

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Aisa.pyar

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Sagarika.us.din.apne.hone.wale.pati.se..pahli.baar..Milne.ke.liye.jaa.rahi.th !said.wo.thori.let.ho.chuki.thi ?subh.ka.samay.tha,Tachibana aath.sadhre.aath.baje.ka.samay.raha.hoga?wo.to.apne.hone.waale.pati.se.mil..bhi.nahi.pati.hai.aur.rista.hone.se

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Babita.kumari के लेख

हमसफ़र

3 अप्रैल 2024
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क्या वो पापा हो ,सकते है ?पड़ ,अगर वो पापा होते तो ,वो अपने आपको उस हम नाम नही देता !और तो और उसने साफ -साफ लब्ज़ो मे अफम पड़ ये भी तो कहा है न ! की वो उन खास रिस्तो मे से है ,ज़ो एक पि

हमसफ़र

21 दिसम्बर 2023
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अदिति अफम सुन ही रही थी की दरवाज़े पड़ दस्तक हुई ।अदिति ने दरवाज़ा खोला तो सामने अमरेश और आरूही खड़े थे । फिर उनके अंदर ज़ाते ही अदिति ने जैसे ही दरवाज़ा बंद ही की थी ,की दरवाज़े की घंटी एक वार प

हमसफ़र

15 दिसम्बर 2023
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फिर आरजे डिलीकेटर से बात -चीत शुरु करता है ।हाँ, तो यूँ ,तो हर पिता अपनी संतान को प्रेम करता है ,और संतान भी अपनी माता -पिता को प्रेम करते है ।पड़ ऐसा क्या हुआ की आपकी बेटी आप से इस हद तक न

हमसफ़र

10 दिसम्बर 2023
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फिर रात् गहराती गई और अमरेश नींद की आगोश मे समाता चला गया ।अफम पड़ संगीत सारी रात बज़ती रही ।और अदिति रात की खामोशी मे अपने आंशुओ को आज़ाद छोड़कर रात के अंधेरो से सुबह की पहली किरण तक का सफर पुरा कर चुकी

हमसफ़र

27 नवम्बर 2023
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इसलिए वो अदिति के ज्यादा करीब रहने के लिए मौका देख कर आरोही जब सुबह अपने घर जा रही होती है ,तब अमरेश उससे कहता है ,की इस बार मै मौके पड़ घर आया हुँ ।और तुम भी फ्री हो तुम हमेशा मुझसे कहती रहती थी न की

हमसफ़र

25 नवम्बर 2023
1
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पड़ इस बार अमरेश भी अपने मन मे ठान् कर आया था ,की वो इस बार ये वजह जान कर हीं रहेगा ?की आखिर अदिति ऐसी क्यों है ?वो पूरे घर वालो के साथ -साथ अदिति के लिए भी उपहार मे उसकी पसंद की रंग की साड़

तमन्ना ।

7 नवम्बर 2023
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तमन्ना ये मान चुकी थी ।की उसे बेकारपन कुछ नही करना है ।इसलिए समझदारी से काम लेते हुए वो जायद से -ज्यादा समय अपनी पढ़ाई को देने लगी थी ।इसलिए वो हर। साल अच्छे नम्बरो से पास होने लगी थी । उसे ये बा

तमन्ना

5 नवम्बर 2023
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छोटी सी तमन्ना अपनी माँ का इंतज़ार कमरे मे करती रही ।पड़ ये इंतज़ार उसके जीवन से कभी ख़त्म हीं नहीं हुआ ।और उस दिन से मासूम तमन्ना के जीवन के मायने हीं बदल गये थे ।तमन्ना नाम का मतलब हीं बदल गया था

हमसफ़र

4 नवम्बर 2023
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शायद वो अपने हम सफर से दूर हो चुकी थी ।इधर अमरेश अपने काम पड़ वापस आकर देश की सीमा की रखवाली करता था ।और जब इस बीच जब कभी भी उसे घर बालो की याद आती तो ,वो उनसे फोन पड़ बाते कर लिया करता था ।याद तो उसे आ

हमसफ़र

30 अक्टूबर 2023
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फिर वो ट्रे में चाय लेकर कमरे में जाती है ।वो चाय लेकर अमरेश की ओर जैसे हीं दो -चार कदम बढ़ाई हीं थी ,की अमरेश भी अपनी धीमी कदमो के साथ अदिति की ओर बढ़ने लगा अदिति चाय का ट्रे लिए अमरेश की कदमो की ओर दे

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