संजय की दुनिया का सूरज राहुल के रूप में ढल गया था। उसका बड़ा भाई, उसका सबसे अच्छा दोस्त, चला गया था। एक सड़क हादसा, एक पल में सब कुछ बदल गया था। संजय के लिए, जीवन एक खाली पन्ने जैसा हो गया था, जिस पर
भाव का भूखा एक अमीर आदमी बहुत ही संकट में था । उसे लाखों - करोड़ों का नुकसान जो हुआ था, और सारी जीवन की कमाई डूबने के करीब थी ! जीवन की नाव डगमगा रही थी । वह कभी मंदिर नहीं गया था, वह कभी पूजा पाठ
चाहत किस-की...? एक समय की बात है, एक व्यक्ति अपनी हाल ही में एक कार खरीदी वो उस को बड़ी चाहत से धुलाई करके चमका रहा था। उसी समय उसका पांच वर्षीय लाडला बेटा, किसी नुकीली चीज से कार पर कुछ लिखने लग
एक़ अक्ष सा दिखता है, एक़ ही शख़्स सा दिखता है, जहाँ जाता हूँ, लोग मुझमें आपको देखतें हैं, आपकी पहचान बताते हैं, तुम पापा जैसे दिखते हो, वैसे ही बात करते हो, वैसे ही
सर्व देवस्य स्तुति रहो भवानी साथ तुम जब तक हो पूर्ण ये काज, नील पदम् व्रत ले लिया कीजो सुफल सो काज। श्रीमुख श्री गणेश जी विरजो कलम में आय, रहो सहाय नाथ तुम ज्यों व्यास को भये सहाय। जय माँ व
सेब खाने से उनके पोषक तत्वों के कारण कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। अपने आहार में सेब शामिल करने के कुछ फायदे इस प्रकार हैं: 1. पोषक तत्वों से भरपूर: सेब आवश्यक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत
सौजन्य से abp news सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या 14 अक्टूबर 2023 को है।इस दिन धरती पर आए पितरों को याद कर उन्हें विदाई दी जाती है। कहते हैं पितृ पक्ष में अगर आपने पूर्वजों का तर्पण, श्राद्ध नहीं कि
माँ भगवती की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र आश्विन और चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से माँ भगवती की उपासना के नवदिवसीय पर्व नवरात्र आरम्भ हो जाते हैं और घट स्थापना के साथ समूचा देश माँ भगवती की आस्था
सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक चलते हैं। इस वर्ष पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 से हो रही है जिसका सम
विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन
विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो दिन
बेटियाँ पराई नहीं, दिलों में रहती है... एक बार एक गरीब पिता ने अपनी एकलौती पुत्री की सगाई करवाई... लड़का बड़े अच्छे घर से था, इसलिए माता-पिता दोनों बहुत खुश थे । लड़के के साथ लड़के के पूर
रसोई से आती विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों की मनभावन गंध और माँ की स्नेह भरी आवाज ने घर से बाहर जाते नीरज के कदमों को सहसा रोक लिया |'' आज तुम्हारे दादा जी पहला श्राद्ध है बेटा ! इसलिए उन्हें समर्प
प्यारी डायरी.. सखी, यह महीना सच में बहुत हीं पावन होता हैं। क्योंकि इस महीने में विशेष रूप अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान और आदर प्रकट करने का स्वर्णिम अवसर हम सभी के पास होता
शीर्षक --पितृपक्ष पितृपक्ष का हमारे पूर्वजों के प्रति आभार व्यक्त करना ही नही हमारे स्वास्थ की दृष्टि से जरुरी है।हम अपने पूर्वजों को सच्चे मन से पिंडदान तर्पण और श्राद्ध करत
प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे है ।कल ही पतिदेव की दादी जी का श्राद्ध था।मौसम भी बदल रहा है तुम से गुजारिश अपना ख्याल रखा करो ।आज का विषय:-पितृपक्षजो आजकल चल रहा है अश्विनी मास की कृष्ण पक्ष को पित
जिस प्रकार हम साल भर में किसी विशेष तिथि को अपना जन्म दिन, सालगिराह इत्यादि मनाते रहते है | ठीक उसी प्रकार हर साल में पितृपक्ष प्रारंभ होते है | ये वो सुनहरे अवसर होते है |जब हमे अपने मृत पूर्वज
जिस प्रकार हम साल भर में किसी विशेष तिथि को अपना जन्म दिन, सालगिराह इत्यादि मनाते रहते है | ठीक उसी प्रकार हर साल में पितृपक्ष प्रारंभ होते है | ये वो सुनहरे अवसर होते है |जब हमे अपने मृत पूर्वज
जिस प्रकार हम साल भर में किसी विशेष तिथि को अपना जन्म दिन, सालगिराह इत्यादि मनाते रहते है | ठीक उसी प्रकार हर साल में पितृपक्ष प्रारंभ होते है | ये वो सुनहरे अवसर होते है |जब हमे अपने मृत पूर्वज
जिस प्रकार हम साल भर में किसी विशेष तिथि को अपना जन्म दिन, सालगिराह इत्यादि मनाते रहते है | ठीक उसी प्रकार हर साल में पितृपक्ष प्रारंभ होते है | ये वो सुनहरे अवसर होते है |जब हमे अपने मृत पूर्वज