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हम लड़कियां

17 सितम्बर 2022

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तूफानी लहरों सी बनी अब हम लड़कियां
रोके  अब हमे न कोई रोक पाए
ना डरे न घबराए
बेझिझक ये आगे बढ़ती जाए
अब हारना हमे मंजूर नहीं
मुश्किलें जितनी आए
हमारे हौसलों से मंजिल अब दूर नहीं
कलियां हम फूल बनकर
अगर जीवन महकाए
कुचलों गर हमें अंगारे बनने में
अब न देर लगाए
पंछी बन आसमान अब मापना चाहें
पंख कोई अब काटे जुल्म ये न
अब सह पाए
पहाड़ों सी हम लड़कियां
अब बनी है हम अब चट्टान
सर झुका सके हमारा अब नही आसान
सूरज आग हम
जलाना भी जाने
चांद की शीतलता भी हम
चमक अपनी हम पहचाने

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भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया 👌👌

17 सितम्बर 2022

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत सुंदर लिखा आपने😊👍

17 सितम्बर 2022

Jay

Jay

Nice 👌

17 सितम्बर 2022

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahuttt khub Shandar or sahi likha aapne 🥰

17 सितम्बर 2022

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