तूफानी लहरों सी बनी अब हम लड़कियां
रोके अब हमे न कोई रोक पाए
ना डरे न घबराए
बेझिझक ये आगे बढ़ती जाए
अब हारना हमे मंजूर नहीं
मुश्किलें जितनी आए
हमारे हौसलों से मंजिल अब दूर नहीं
कलियां हम फूल बनकर
अगर जीवन महकाए
कुचलों गर हमें अंगारे बनने में
अब न देर लगाए
पंछी बन आसमान अब मापना चाहें
पंख कोई अब काटे जुल्म ये न
अब सह पाए
पहाड़ों सी हम लड़कियां
अब बनी है हम अब चट्टान
सर झुका सके हमारा अब नही आसान
सूरज आग हम
जलाना भी जाने
चांद की शीतलता भी हम
चमक अपनी हम पहचाने