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समय

29 दिसम्बर 2024

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समय न रुका है 
और न रुकेगा किसी के लिए
चला जा रहा है सतत्
एक समान गति को लिए।

चल पा रहे हैं जो
समय के साथ
पा रहे हैं मंज़िल 
और खुशियों की सौगात।

रुक गए जो थककर 
रह गए वो पीछे
देखते रहे वो एकटक
और छूट गया अपनों का साथ।

न रुकना है 
और न थकना है 
बस चलते जाना है 
और अपना कर्तव्य निभाना है।

समय गतिमान है 
इसकी झोली में,सुख और दुःख समान हैं 
डटे रहो कर्तव्य-पथ पर
क्योंकि आगे अभी उम्मीदों का आसमान है।

      ©डॉ प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
          ग्वालियर, म. प्र.,🇮🇳
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रचनाएँ
मेरे एहसास
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इस किताब में मैने अपने अंदर के एहसासों को कविताओं के रूप में ढाला है।
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शाश्वत प्रेम

20 अगस्त 2024
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प्रेम बिना जीवन नहीं प्याराप्रेम बिना तरुवर दुखियारा प्रेम बिना नहीं कहीं उजियारा प्रेम बिना मन में अंधियारा। प्रेम बिना नहीं जीव उत्पत्ति प्रेम बिना चहुं ओर विपत्ति प्रेम बिन

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पुस्तक होती गुरु समान

20 अगस्त 2024
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पुस्तक देती हम सबको ज्ञान होती है यह बहुत महान जो भी इनको ध्यान से पढ़ता बढ़ जाता है उसका ज्ञान।किताब बताती सही रास्ता होती है यह गुरु समान जो भी इससे सीख है लेता हो जाती

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मतलबी दुनिया

29 अगस्त 2024
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रोज दो चार अंडे देने तकखिलाया जाता है दानाऔर पिलाया जाता है पानीउसके बाद उदर में समा जाती हैं मुर्गियां।देती हैं दूध जब तकमिलता है हरा चाराऔर रोज की जाती है सानी फिर सड़क पर भटकने छोड़ दी जाती है

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महान चित्रकार

1 सितम्बर 2024
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यह कौन चित्रकार है आयाजिसने नभ पर चित्र बनायापूरब से पश्चिम तक देखोइंद्रधनुष है नभ पर छाया।नभ में भूरे-काले बादल लेकरकभी वह हाथी का चित्र बनाताकभी चूहा सरपट दौड़ाता तो कभी शेर है दहाड़ लगाता।इस न

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पानी का मोल

11 सितम्बर 2024
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बिन पानी क्या खेत-खलिहानबिन पानी नहीं गुल्म में जान बिन पानी क्या कश्ती का मान बिन पानी सब वृथा समान।बिन पानी क्या पोखर-तालबिन पानी क्या नदियों का हाल बिन पानी संकट विकरालबिन पानी जीवन

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बंदिशें

13 अक्टूबर 2024
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आप बिछा के जाल कुछ चिड़ियों को फंसा सकते हो, मगर परिंदों को मुक्त गगन में उड़ान भरने से नहीं रोक सकते।बंद कर तोते को पिंजरे में अपनी बोली बुलवा सकते हो,मगर पक्षियों के चहचहाने पर शर्त नहीं लगा सक

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सड़क पर जाम

29 दिसम्बर 2024
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खड़े रह गए सिग्नल देखोनहीं वो करते बिल्कुल काम आड़े तिरछे सभी निकलतेफिर लग जाता रोड पर जाम।सड़क घेर कर खड़े हैं ठेलेऔर आधी रोड पर लगी दुकानपब्लिक निकले कैसे भाईफिर लग जाता रोड पर जाम।हर एक को जल्

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समय

29 दिसम्बर 2024
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समय न रुका है और न रुकेगा किसी के लिएचला जा रहा है सतत्एक समान गति को लिए।चल पा रहे हैं जोसमय के साथपा रहे हैं मंज़िल और खुशियों की सौगात।रुक गए जो थककर रह गए वो पीछेदेखते रहे वो एकटकऔर

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