मैं वो हूँ जिसे सब प्रज्ञा नाम से जानते हैं .
निःशुल्क
मुझे आने दिया आपने इस संसार,दिए हैं मुझे शुभ संस्कार अपार,कैसे ना हूँ अपनी किस्मत पर निसार,माँ-पिता आप ही तो हो "मेरा पहला संसार"