हम प्रणय सूत्र में,अब बंधेगे मगर
तुम किसी और से,में किसी और से
हल्दी लग जायेगी,मांग भर जाएगी
फेरे पड़ जाएंगे,पर किसी और से
सिर पे सहरा सजा, मुझको देगा सजा
गहरी मेंहदी का रंग, न तुम्हे भायेगा
कैसे लिख पाओगी अपने हाथो में तुम
प्यार को छोड़कर,नाम अनजान का
कैसे छोड़ोगी तुम,ये बताओ जरा
प्यार को प्यार तक,प्यार के प्यार से
कोई मेरी तरफ को, बढ़ा आएगा
हार फूलों का वो, न तुम्हे भाएगा
बारात कि उस बा रात में
अपना हमदर्द हरदम को को जाएगा
कैसा होगा समा ये बताओ जरा
अपनी बारात तक,उसकी बारात से
सात फेरों में जब,वो वचन आएंगे
याद अपने पुराने ,वो दिन आएंगे
चित्र आंखो में आकर के खिच जायेंगे
न बिछड़ने के वादे,बिखर जाएंगे
कैसे लोगी वचन ये बताओ जरा
हर वचन तोड़कर,प्यार का प्यार से
विदाई का जब वो,समय आएगा
भर जब तुम्हारा,ह्रदय आएगा
चाहकर भी आसू,न रुक पाएंगे
प्यार परिवार दोनो बिछड़ जायेगे
कैसे जोड़ोगी तुम ये बताओ जरा
प्यार परिवार को,एक परिवार से
#rajaaadarshgarg