जीवन के विभिन्न पड़ावों से गुज़रते हुए बचपन से लेकर आधे जीवन तक केवल दुखों और संघर्षों से जूझते हुए एक सफल लेखिका की कहानी है जीवन दर्पण... जब उसे उसके मन मुताबिक पढ़ने तक नहीं दिया जाता.....
हम घोषणा करते हैं कि ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक हैं। इसका किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। ये कहानी पूर्णतः हमारे मन मस्तिष्क में चलने वाले अंतर्द्वंद का परिणाम है। ये कहानी किसी भी कानून या विधान का खंडन नहीं करती। ना ही किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाती है। फिर भी यदि कोई आहत होता है तो हम अग्रिम क्षमाप्रार्थी हैं 🙏🏻 🌹 🙏🏻
ये कहानी पूरी तरह से मनोरंजन और मनोत्थान के उद्देश्य से लिखी गई है। आशा है कि आप पाठकगण इससे मिलने वाले संदेश को पहचान कर सकारात्मक ऊर्जा को आत्मसात करेंगे और जीवन में उन्नति पथ पर अग्रसर होंगे। यदि इस कहानी को पढ कर हमारा एक भी पाठक अवसाद से बाहर निकल कर जीवन में सफलता प्राप्त करता है तो हमारा ये कहानी लिखने का उद्देश्य सफल हो जायेगा।
राधे राधे 🙏🏻🌷🙏🏻
आपकी अपनी (चाची, मौसी, ताई, बुआ, दीदी, बेटी, मित्र ) या जो भी आप प्रेम से सम्बोधित करें 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻
राधा श्री शर्मा