अल्फाज के मोती काम पड़ गए, बातो का घरोंदा बनाने में अभी तो एक मुलाकात ही मयस्सर हुई ह आगे क्या होगा इस ज़माने में ..................
bus प्रीत मिले
3 अक्टूबर 2015
अल्फाज के मोती काम पड़ गए, बातो का घरोंदा बनाने में अभी तो एक मुलाकात ही मयस्सर हुई ह आगे क्या होगा इस ज़माने में ..................
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