shabd-logo

रावण वध देखने के उत्साह में उड़ जाती थी नींद

6 दिसम्बर 2021

78 बार देखा गया 78
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
Jyoti

Jyoti

Bahut khub

31 दिसम्बर 2021

Anita Singh

Anita Singh

बहुत सुन्दर,दशहरा और रामलीला का मंचन बहुत ही अद्भुत अनुभूति देते है

28 दिसम्बर 2021

21
रचनाएँ
भूली-बिसरी यादें
4.9
यह पुस्‍तक मेरी भूली-बिसरी यादों के पिटारे के रूप में प्रस्तुत है। मैंने इस पुस्तक में अपने दैनन्दिनी जीवन के हर पहलू के जिए हुए खट्टे-मीठे पलों को उसी रूप में पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया है। मेरी इस पुस्तक के लगभग सभी संस्मरण देश-प्रदेश के विभिन्न प्रतिष्ठित समाचारों पत्रों में प्रकाशित होते रहे, जिससे मुझे निरंतर लिखने के लिए उत्साह और ऊर्जा मिलती रही। इन संस्मरण को रचाते-बसाते हुए मुझे एक अलग तरह की सुखद अनुभूति हुई। इन संस्मरण में जहाँ एक ओर मैंने अपने संवेदन मन के उमड़ते-घुमड़ते भावों को व्यक्त किया है, वहीँ दूसरी ओर पाठकों को कुछ न कुछ सार्थक सन्देश देने का भरपूर प्रयास किया है। मैं समझती हूँ कि पाठकों को निश्चित ही मेरे इन संस्मरण को पढ़कर सुखद अनुभूति का अहसास होगा। मेरी हार्दिक आकांक्षा है कि मेरे संस्मरण का यह संग्रह अधिक से अधिक जनमानस तक पहुँचे, क्योंकि इन्हें मैंने संवेदना के स्वर, प्रकृति के सानिध्य और आपसी भाई-चारे व धर्म-संस्कृति के विविध रंगों से रचाया-बसाया है। मुझे आशा और विश्‍वास है कि मेरे पाठकगण इन भूली-बिसरी यादों में मेरे साथ गोते लगाते हुए आनन्‍द और रोमांच का भरपूर अनुभव करेंगे।
1

तम्बाकू ऐसी मोहिनी जिसके लम्बे-चौड़े पात

11 नवम्बर 2021
169
169
7

एक-दूसरे कभी गांव में जब रामलीला होती और उसमें राम वनवास प्रसंग के दौरान केवट और उसके साथी रात में नदी के किनारे ठंड से ठिठुरते हुए आपस में हुक्का गुड़गुड़ाकर बारी-बारी से एक-एक करके- “ तम्बाकू नही

2

भूलते भागते पल

4 जुलाई 2022
25
18
2

बरसात के दिन आते ही किचन की खुली खिड़की से रह-रहकर बरसती फुहारें बचपन में बिताए सावन की मीठी-मीठी यादें ताज़ी करा देती है। जब सावन आते ही आँगन में नीम के पेड़ पर झूला पड़ जाता था। मोहल्ले भर के बच्

3

झुमरी के बच्चे

6 दिसम्बर 2021
25
11
2

जब पड़ोसियों के घर विदेशी कुत्ता 'पग' (Pug) आया तो झुमरी के दोनों बच्चे उसके इधर-उधर चक्कर काट-काट कर हैरान-परेशान घूमते नजर आने लगे। वह कुर्सी पर शाही अंदाज में आराम फरमाता लंगूर जैसे काले मुँह वाल

4

नवरात्र-दशहरे के रंग बच्चों के संग

27 मई 2022
7
7
0

मार्कण्डेय पुराण के ‘देवी माहात्म्य‘ खण्ड ‘दुर्गा सप्तशती‘ में वर्णित शक्ति की अधिष्ठात्री देवी के नवरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कन्दमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौ

5

फाख्ता का घर-परिवार

25 नवम्बर 2021
26
12
3

कभी जब घर आँगन, खेतिहर जमीनों में, धूल भरी राहों में, जंगल की पगडंडियों में भोली-भाली शांत दिखने वाली फाख्ता (पंडुकी,घुघूती) भोजन की जुगत में कहीं नजर आती तो उस पर नजर टिक जाती। उसकी भोलेपन से भरी प

6

गाँव में शादी-ब्याह की रंगत

29 नवम्बर 2021
19
12
4

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c88

7

गैस त्रासदी की यादें

2 दिसम्बर 2021
13
10
2

देखते-देखते भोपाल गैस त्रासदी के कई बरस बीत गए। हर वर्ष तीन दिसंबर गुजर जाता है और उस दिन मन में कई सवाल हैं और अनुत्तरित रह जाते हैं। हमारे देश में मानव जीवन कितना सस्ता और मृत्यु कितनी सहज है, इसक

8

रावण वध देखने के उत्साह में उड़ जाती थी नींद

6 दिसम्बर 2021
14
9
2

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c88

9

गेहूँ-चने से भरे-लदे खेतों में एक दिन

7 दिसम्बर 2021
9
7
1

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c88

10

भोजताल का उत्सव

7 दिसम्बर 2021
14
11
2

<p> </p> <figure><img src="https://shabd.

11

लोकरंग में झलकता मेरे शहर का वसंत

7 दिसम्बर 2021
10
6
1

<p> </p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2

12

खुशमिजाज बुलबुल का मेरे घर आना

8 दिसम्बर 2021
10
6
0

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c88

13

घर में किलकारी की गूँज

9 दिसम्बर 2021
9
7
0

<figure><img height="auto" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c

14

श्यामला हिल्स पर बर्फ गिरती तो .......

9 दिसम्बर 2021
8
7
1

सुदूर पहाड़ों में होने वाली बर्फवारी के चलते वहाँ से आने वाली सर्द हवाओं से जब देश के अधिकांश हिस्से ठिठुर रहे होते हैं, तब अपनी हिमपूरित पहाड़ी हवाएं अपने शहर में आकर दस्तक न दे, यह कैसे हो सकता है।

15

स्वतन्त्रता दिवस के लड्डू

10 दिसम्बर 2021
7
6
0

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c88

16

सबसे बेखबर उसका घरौंदा

10 दिसम्बर 2021
10
6
0

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c88

17

सुबह की सैर और तम्बाकू पसंद लोग

10 दिसम्बर 2021
6
6
0

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c88

18

रामलीला में रावण

10 दिसम्बर 2021
9
7
0

हर उत्तराखंडी निवासी की तरह मुझे बचपन से ही रामलीला देखने का बड़ा शौक रहा है। आज भी आस-पास जहाँ भी रामलीला का मंचन होता है तो उसे देखने जरूर पहुंचती हूँ। बचपन में तो केवल एक स्वस्थ मनोरंजन के अलावा म

19

मजबूरी के हाथ

10 दिसम्बर 2021
8
6
1

<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d3c9442f7ed561c88

20

परीक्षा के दिन

25 मई 2022
14
6
0

संस्कृत में परीक्षा शब्द की व्युत्पत्ति है- 'परितः सर्वतः, ईक्षणं-दर्शनम् एव परीक्षा।'  अर्थात् सभी प्रकार से किसी वस्तु या व्यक्ति के मूल्यांकन अथवा अवलोकन को परीक्षा कहा जाता है। पढ़ने, देखने और सुन

21

सुख के कितने रूप

9 नवम्बर 2022
2
2
0

मेरी सोनिया माँ बनी और मैं नानी माँ। जैसे ही मुझे उसने यह खुशखबरी दी, मैं खुशी से झूम उठी। इधर एक ओर बच्चों की परीक्षाओं का बोझ सिर पर था तो दूसरी ओर विधान सभा चुनाव के कारण छुट्टी नहीं मिलने से म

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए