7 दिसम्बर 2021
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में कर्मरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से एम.कॉम. किया है। घर और दफ्तर के बीच झूलते हुए इंटरनेट की दुनिया मेरे लिए 'घर से बाहर एक घर' है, जहाँ मैं एक ब्लॉगर www.kavitarawat.com के रूप में प्रतिष्ठित होकर कविता, कहानी, संस्मरण और समसामयिक विषयों पर सरलतम अभिव्यक्ति द्वारा देश-दुनिया से अपने आप को जोड़े रखती हूँ। मेरे कई लेख, कविता, कहानी और संस्मरण देश के विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे, जिनसे मुझे लेखन के लिए प्रोत्साहन, मनोबल और ऊर्जा मिली। मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं के साथ-साथ अपना कुछ सामाजिक दायित्व निर्वहन कर सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से उन्हें लेखबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ और अपने इस प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर रहूँ। D
बहुत ही अच्छा संस्मरण लिखा है आपने,भावनाओ से ओतप्रोत।भोपाल गैस ट्रेजेडी हो या पहाडों के गाँव हर संस्मरण आप बीती सुनता सा जान पड़ता है।
29 दिसम्बर 2021