निजीकरण~एक घटित हुई सच्ची कहानी स्मरण हो आती है गांव के उस सबसे बड़े परिवार की जिसकी धनाढ्यता बहुत विख्यात थी । फिर ऐसा हुआ कि संसाधनों की अतिशयता ने उस बड़े संयुक्त परिवार के लोगों को निठल्ला बना
डिजिटल मुद्रा~भारतीय इतिहास में मुद्राओं की एक विशिष्ट भूमिका रही है । प्राचीन कालीन शासकों की उपाधि और राजनीतिक विस्तार के साथ साथ मुद्राएं आर्थिक और धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति की गवाही देती आयी हैं ।
मैं आर्थिक मामलों की विशेषज्ञ नहीं हूं केवलवर्तमान स्थिती पर अपना मत रख रही हूं। कोरोना ने कुछ दिनों लोगों को काफी डरायालेकिन ये डर कुछ ही दिन लोगों के मन में रहा, अब लोग सावधानी बरत रहे है लेकिनउन्हें संक्रमित होने से ज्यादा डर अपनी आजीविका खत्म होने का सता है। कई कं
📑💵उस देश की अर्थव्यवस्था 💰 मे कैसे सुधार होगा। जहां का राजा मन की बात 📻 रेडिओ 📟 पर करता हो जबकि वर्तमान समय में लोग रेडिओ का प्रयोग कम कर रहे हैं। एन.एस.अजनबी नोट:- मेरा राजनीतिक पार्टी से संबंध ना जोड़ें |
साल 2018 अब चंद दिनों का मेहमान है लोग बेसब्री से 2019 का इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन 2018 में पीछे मुड़कर देखें तो भारत ने इस साल कई ऐसी उपलब्धियाँ हासिल की जिससे हर भारतीय का सर गर्व से ऊँचा हो गया। नोटबंदी और GST लागू होने के बावज़ूद भारत की इकॉनमी विश्व की सबसे तेज़ गति से बढ़ती इकॉनमी है। इसके साथ ही
उन्होंने ताकीद की,बड़े गुस्से में कहा,देखो, इतना समझो,जो मुझे चाहिए,आदमी सौ टका हो,ठोका-बजाया हो,सिखाना न पड़े,आये और चल पड़े,काम बस काम करे...समय की न सोचे,घर को भूल आये,मल्टीटास्कर तो हो ही,ओवरवर्क को सलाम करे,प्रेशर हैंडल कर सके,पीपुल-फ्रेंडली तो हो ही,डेडलाईन की समझ