स्वरोजगार योजना में लोन का आवेदन करने से पहले गरीबी रेखा के नीचे का कार्ड बनवाने आए छठी फेल युवक की अंग्रेजी सुन कलेक्टर हैरान रह गए। उन्होंने कहा- तुम इतने अच्छे, स्मार्ट हो और अंग्रेजी भी बाेल लेते हो, तुम छठी फेल नहीं हो सकते। झूठ बोले रहे हो, तुम्हारा बीपीएल कार्ड नहीं बनेगा। कलेक्टर की बात सुनकर पिता-बेटे आवेदन देकर घर लौट गए।
कलेक्टर ने पूछा- कितने पढ़े हो..युवक बोला- आई एम सिक्स स्टैंडर्ड फेल्युअर
– मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर डॉ. सतेंद्रसिंह लोगों की समस्या सुन रहे थे। बुरहानपुर जिले के इच्छापुर के सुभाष पवार बेटे खुशाल के साथ बीपीएल कार्ड बनवाने का आवेदन देने आए थे।
कलेक्टर और युवक के बीच पढ़ें क्या हुआ सवाल-जवाब…
कलेक्टर- तुम्हें क्या जरूरत, अच्छे भले दिख रहे हो। स्मार्ट हो, कितने पढ़े हो तुम ?
युवक- आई एम सिक्स स्टैंडर्ड फेल्यूअर। ये सुनकर कलेक्टर हंसने लगे।
कलेक्टर- अच्छी-खासी अंग्रेजी बोल लेते हो, झूठ बोल रहे हो कि छठी फेल हो।
युवक- द नीड टू कम्यूनिकेशन फ्रीडम स्पीच ऑनली, द डीड नॉट टू अवर क्वालिफिकेशन (संचार और संवाद के लिए किसी योग्यता की जरुरत नहीं होती)।
कलेक्टर- नहीं हम नहीं जानते। तुम्हें बीपीएल कार्ड नहीं मिल सकता है।
इसके बाद संयुक्त कलेक्टर एमएल आर्य ने पूछा- इतनी अच्छी अंग्रेजी कैसे बोल पाते हो ?
– युवक ने कहा- मैं गुजरात की एक मोबाइल कंपनी के कॉल सेंटर में सीनियर सुपरवाइजर था। जहां मैंने अंग्रेजी, गुजराती भाषा सीखी। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषा हिंदी, मराठी और अहिरानी बेहतर ढंग से लिख-बोल लेता हूं। इसलिए मैने लंबे समय तक नौकरी की। पढ़ने में मन नहीं लगा तो 2002 में स्कूल छोड़ दी। अहमदाबाद में दो बहनें रहती हैं। उनके यहां रहकर एंब्रायड्री करने लगा। मोबाइल कंपनी के मैनेजर से संपर्क हुआ। उन्हें मेरा संवाद और तरीका अच्छा लगा। मुझे कॉल सेंटर में नौकरी दे दी। जहां रहकर मैं अंग्रेजी, गुजराती बोलना सीखा। उस समय तक मैं सीनियर सुपरवाइजर बन चुका था।
– हालांकि, युवक का आवेदन स्वीकार नहीं किया गया और पिता-बेटा दोनों वापस घर लौट गए।
– पिता ने कहा- मेरे पास एक ही एकड़ खेत है। बड़े बेटे का विवाह हो चुका है। खुशाल भी घर लौट आया।
– खुशाल ने कहा- मुझे बिजनेसमैन बनना है। मैं अकाउंटिंग, वेब ब्लॉग्स जानता हूं। मेरा टारगेट बिजनेसमैन बनना है। उसके लिए लोन लेेने की तैयारी कर रहा हूं।
Source: Dainik Bhaskar