साजन बेस परदेश
सूनी - सूनी लगे
नाचे गायें घर चौबारे
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
जहर लागे हंसी ठिठोली
सून सून लागे होली !
चारो और रंग बरसे है
मेरा सूखा मन तरसे है
खाली अबीर गुलाल झोली
सूनी सूनी लागे होली |
आँखे सबकी ,खुशियां वांचे
पीली पीली सरसो नाचे
रंगीले परिधान में टोली
सूनी सूनी लागे होली |
होड़ मची कमचोर बली में
हुड़दंगी है गली गली में
अपनी तो है रवानी होली
सूनी सूनी लागे होली ||
- सुखमंगल सिंह