जब इश्क थक जाता है
चलते -चलते
अनजान बन जाते हैं
जैसे पहचानते नही
कभी कभी भीड़ में
भाई बहन बन कर
चलते हैं दोनों
लगता है प्रेमी प्रेमिका नही
कभी अनजान बनकर गीत गाते हैं
चलो एक बार अजनबी बन जाये हम दोनों
अजीब शहर है अजीब शहर के लोग
जानकर अनजान बनते हैं
कभी प्रेम में डूब जाते हैं
शहर मानों प्रेम का नगर हो
इश्क और शहर के रंग हर बार
बदल जाते हैं पल में