0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
1 किताब
अपराध करो कम ना अपराधी,अपराध ही है सारी व्याधि।अपराध की कुछ मजबूरी होती,अपराध की भी कुछ जड होती।कुछ भोले-भाले इंसान भी,अपराध चपेट में आ जाते।कुछ अपनी ताकत के बलबूते,अपने अपराध छुपा जाते।अपराधी सिद्ध ह