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शायर से मोहब्बत 1

10 सितम्बर 2022

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नमस्कार दोस्तो
मैं मुस्ताक अली शायर आप सभी का स्वागत करता हू ।।
ये मेरी पहली किताब हैं उम्मीद हैं आप सभी को पसंद आये ।।
शायर एक ऐसा शक्स होता हैं 
जो लफ्जों को जबान देने का काम करता हैं ।।
दिल के जजबातों को शब्दों की शकल देता हैं।।
ये ऐसे ही एक मनचले की कहानी हैं ।।
उसका नाम हैं शायर अली ।।
छोटे से गाव में रहने वाला एक साधारण सा लड़का
लेकीन जब भी वो बात करता शायराना अंदाज में करता
लोग उसकी इसी अदा के दीवाने थे
जो भी उस से बात करता बस उसी का होकर
रह जाता ।।
 
एक छोटे से गाव में रहने वाले मामूली से लड़के को
खुदा ने बहोत ही खूबसूरत कला से 
नवाजा था।।
शायर अली सडकों पर कुछ चीजें बेचकर 
अपना गुजारा करता था और 
खाली वक़्त में शायरी लिखता था।।
 
बहोत कोशिश करता अपने कला को 
कही मौका मिले लेकीन 
किस्मत को ये गवारा ना था
हर बार उसके हक़ में सिर्फ
मायूसी ही आती।।
फिर भी वो कभी निराश नही हुआ 
ना ही कभी शायरी लिखना छोड़ा ।।
 
जब भी मौका मिलता अपना कलाम 
सुनाने लग जाता ।।
कुछ लोग दाद देते तो 
कुछ लोग मजाक उडाते।।
लेकीन शायर अली ने कभी बुरा नहीं माना 
ना ही कभी हार मानी
उसका सिर्फ एक ही मकसद था 
ज्यादा से ज्यादा लोगों तक 
अपना कलाम पहुचाना।।
 
शादी बारातों में अली अपना 
कलाम सुनता और  कलाम के
जरिये लोगों के बिच अपनी एक
अलग पहचान बनता।।
एक रोज की बात हैं शायर अली 
अपने एक दोस्त के रिश्तेदार के यहा
शादी में गया था।।
 
शादी बहोत बड़ी थी होनी भी चाहिये
मालदार लोग थे ।।
शायर अली के दोस्त ने उसे अपने
रिशतेदारों से मिलाया 
वहा की शान शौकत देखकर 
अली को अपने उपर बहोत शर्म आ रही थी।।
 
शायर अली के दोस्त ने अपने रिश्तेदारों से
मजाक मजाक में कह दिया के 
अली एक शायर हैं।।
यह सुनकर वहा के लोग अली से 
जिद करने लगे की कुछ सुनाओ।।
लेकीन इतने बड़े लोगों के बिच 
कलाम पढ़ने से अली ड़र रहा था।।
 
उसने मना कर दिया 
तभी भीड़ में से एक नाजुक
आवाज आयी बहोत खूबसूरत 
आवाज थी शायर अली ने आवाज 
की तरफ देखा तो उसके होश उड़ गये
बहोत हसीन चहरा मानों कोई हूर 
जन्नत से उतर आयी हो।।
 
वो अली के पास आई और कहा
मुझे शायरी बहोत पसंद हैं
प्लीज कुछ सुना दीजिए ना।।
शायर अली की मानों धड़कन सी थम गयी
वो उसे ही देखता रह गया ।।
कुछ पल बाद होश में आकर अली
ने हा कह दिया
अली उसे मना नही कर पाया ।।
 
रात का वक़्त था सब इकठ्ठे हुवे हो गये
कुछ लोग शायर अली का 
मजाक उड़ाने लगे लेकीन जब उसने
कलाम पढ़ना शुरु किया सबकी बोलती
बंद हो गयी।।
शायर अली कलाम पढते-पढते  उसी
चहेरे को देख रहा था जिसने उसे
शायरी पढ़ने के लिये राजी किया था।।
 
शायर अली ने अपना कलाम खतम किया
सारा शादी का मंडप तालियों से गूँज उठा
तालिया रुकने का नाम नही ले रही थी
ये मंजर देखकर शायर अली की 
आखें नम हो जाती हैं।।
हर कोई आकर उसकी सराहना कर 
रहा था 
लेकीन उसकी आखें उसी हसीन 
चहरे को तलाश कर रही थी
पर वो आयी नहीं ।।
 
दुसरे दिन शादी खतम कर के
शायर अली अपने दोस्त के साथ वापस जा रहा था
तभी पीछे से एक आवाज आयी
सुनिये आवाज सुनकर वो रूक जाता हैं
पीछे मूड कर देखता हैं तो वही
लड़की उसके पीछे खड़ी हैं।।
दोनों एक दुसरे को देखते ही 
रह जाते हैं।।
 
दोनों भी खामोश थे शायद दोनों समझ
नहीं आ रहा था क्या बात करे ।।
फिर उस लड़की ने कहा 
" हैलो मेरा नाम ऐश्वर्या हैं " 
" मुझे शायरी सुनना बहोत पसंद हैं
आप की शायरी सुनकर मैं आप की
बहोत बड़ी फैन हो गयी हू "
शायर अली ने कहा 
" बहोत बहोत शुक्रिया आप का "
ऐश्वर्या ने कहा 
" क्या आप मेरे दोस्ती करोगे 
आप का दोस्त बनना मुझे अच्छा लगेगा।।
 
ये सुनकर शायरअली के पैरों तले जमीन खिसक 
जाती हैं 
जिस लड़की से एक बार बात करने 
टरस रहा था वही लड़की उस से दोस्ती
करना चाहती है।।
शायर अली ने कहा 
" जी बिल्कुल "
ऐश्वर्या  शायर अली का नंबर 
लेकर चलि जाती हैं ।।
 
शायर अली घर लौट आता हैं
वो ऐश्वर्या के फोन का इंतजार करने
लगता हैं ।।
बार बार फोन चेक करता
फोन में ही खो गया था ।।
दो दिन बाद उसे एक मेसेज आया
"हैलो कैसे हो आप मुझे भूल तो
नहीं गये मै आप की दोस्त ऐश्वर्या हू"
शायर अली ने जवाब दिया
" ऐसे कैसे भूल सकता हू मैं
आप ही के फोन का इंतजार कर रहा था "
उस दिन दोनों की रात के दो बजे तक बात हुई।।
 
उस दिन के बाद दोनों की रोज बातें
होने लगी कभी मेसेज पर तो कभी 
फोन पर।।
ऐसे ही तीन महिने बित गये 
ऐश्वर्या का जनम दिन करीब आया था 
ऐश्वर्या ने अली से कहा 
" मेरे जनम दिन की छोटी सी पार्टी 
रखी हैं अपने सहेली के घर 
मेरी सारी सहेलियां आ रही हैं
आप को भी जरुर आना हैं ।।
शायर अली उसे मना नहीं कर पाया
मिलना ताय हो गया।।
 
शायर अली ने मिलने का वादा तो किया
लेकीन वो बड़ी उलझन में था की
कैसे जाऊ ।।
मतलब की ऐश्वर्या इतने बड़े घर की लड़की थी
वो एक मामूली शायर
क्या पहन के जाये क्या गिफ्ट दे 
सारी रात वो सो नहीं पाया।।
 
सुबह होती हैं शायर अली सोच में डूबा 
हुवा होता हैं
तभी वहा उसका बचपन का जिगरी दोस्त
प्रशांत आ जाता हैं।।
वो अपने दोस्त को परेशान देखकर 
परेशानी की वजह पूछता हैं
शायर अली सारी हकीकत बता देता हैं।।
प्रशांत उसे कुछ पैसे देता हैं और बहोत सारी
हिम्मत भी।।
अपने साथ ले जाकर उसे अच्छे कपड़े भी
दिलवाये
 
आखिरकार वो दिन आ ही जाता हैं।।
शायर अली ऐश्वर्या के जनम दिन के 
पार्टी के लिये निकल पडता हैं।।
कुछ घंटो का रस्ता तय करके
ऐश्वर्या के सहेली के घर पहुँच जाता हैं।।

क्रमशः 
 
 
 

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