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shayari zudai jhumka

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उनकी जुदाई की बातें कभी भी छुप नहीं सकती,उनके नाम से ही तो मिरी साँसे उठती औ गिरती हैं।अक़्सर मिरी हर साँस से उनका ही नाम उठता है।कमबख्त क़ल्ब भी मेरा बनठन उछलता है।1क़त्ल कर बैठे वे अपनी निग़ाहों से ए ख़ुदा,अ

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