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हर रोज़ की तरह आज भी मैं लाईब्रेरी जा रहा था, अचानक रास्ते मे मुझे एक व्यक्ति मिला। उसने मुझे कहा- “राम राम भाई साह्ब।“ तब मैंने उसकी और ध्यान से देखा एक दुबला पतला नवयुवक, बाल बिख्ररे हुये,