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02 जून 2022 बुधवार कैसी हो प्रिय सखी ? सखी !!! हां तुम ही तो हो मेरी सबसे प्यारी सखी। अपने हर भाव, हर दुख सुख सदा तुमसे बांटती रही हूं। तुम ही तो हो, जो मेरी बातों को, मेरे मन को, मेरे विचारों को बिन
02/06/2022 गुरुवार बस कुछ यूं ही। ......................................... ऐ वक़्त ऐसे तो रुसवा न करता । आँखों की गलियों को तन्हा न करता । शख्सियत का हमारी तू हो जाता कायल । दो पल को गर, गुफ्तगू हमसे
मानवता खो गई!!!!!03-06-2022शुक्रवारआज मन बहुत व्यथित है, उदास है।हमारे आसपास होने वाली कुछ घटनाएं हमारी आत्मा को झकझोर देती हैं, मन मस्तिष्क कार्य करना बंद कर देता है। इंसानियत,मानवता, दया, प्रेम, सद्