प्रभु तुम मेरे मन की जानो
मैं अछूत हूँ, मंदिर में आने का मुझको अधिकार नहीं है।किंतु देवता यह न समझना, तुम पर मेरा प्यार नहीं है॥प्यार असीम, अमिट है, फिर भी पास तुम्हारे आ न सकूँगी।यह अपनी छोटी सी पूजा, चरणों तक पहुँचा न सकूँगी॥इसीलिए इस अंधकार में, मैं छिपती-छिपती आई हूँ।तेरे चरणों में खो जाऊँ, इतना व्याकुल मन लाई हूँ॥तुम दे