जिधर जिंदगी उधरी मौत।आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, किसी को फुरसत कहाँ?सुबह की हड़बड़ी में पानी का टैंकर, गली में हॉर्न बजा रहा था।स्वच्छता अभियान के तहत, एक सावला लड़का झाडू लगा रहा था।मन कुंछित दबे पांव, मजदूर काम पर जा रहा था।मौत किसको कहाँ ले जाए? यह जाने वाले को पता न था।भागा वह भी था, भूखा पेट रोटी