26 फरवरी 2015
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मेरे ब्लॉग "साहित्य-दर्पण" में शब्दनगरी पर प्रकाशित सभी रचनाएँ मेरी मौलिक रचना है, अन्यत्र प्रकाशन या प्रसारण हेतु हमारी सहमति आवश्यक है | लेखन - कहानी,कविता,गीत,ग़ज़ल, लघुकथा,हास्य-व्यंग ,शेरों-शायरी आदि | सदस्य -फिल्म लेखक संघ मुंबई | राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित | कई काव्य संकलन में कविताऐं संकलित | आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण | भाषा - हिंदी , अंगिका, भोजपुरी | आत्मकथ्य - हर तूफां से गुजर जाना है,हर दिल में ऊतर जाना है , जमाना याद रक्खे हमें कल भी , काम कुछ ऐसा कर जाना है | सम्पर्क सूत्र - ग्राम+पोस्ट - सधुआ, प्रखंड - रंगरा चौक, वाया - नवगछिया, जिला - भागलपुर, पिन कोड -८५३२०४, बिहार , (भारत ) Email - mandaljee420@gmail.com,मेरे ब्लॉग "साहित्य-दर्पण" में शब्दनगरी पर प्रकाशित सभी रचनाएँ मेरी मौलिक रचना है, अन्यत्र प्रकाशन या प्रसारण हेतु हमारी सहमति आवश्यक है | लेखन - कहानी,कविता,गीत,ग़ज़ल, लघुकथा,हास्य-व्यंग ,शेरों-शायरी आदि | सदस्य -फिल्म लेखक संघ मुंबई | राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित | कई काव्य संकलन में कविताऐं संकलित | आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण | भाषा - हिंदी , अंगिका, भोजपुरी | आत्मकथ्य - हर तूफां से गुजर जाना है,हर दिल में ऊतर जाना है , जमाना याद रक्खे हमें कल भी , काम कुछ ऐसा कर जाना है | सम्पर्क सूत्र - ग्राम+पोस्ट - सधुआ, प्रखंड - रंगरा चौक, वाया - नवगछिया, जिला - भागलपुर, पिन कोड -८५३२०४, बिहार , (भारत ) Email - mandaljee420@gmail.comD
मनोज जी , आपका ये उत्तम लेख शब्दनगरी के ट्विटर एवं फेसबुक पेज पर प्रकाशित किया गया है . दिए गए लिंक्स पर जा कर आप अपना लेख देख सकते है .https://www.facebook.com/shabdanagari https://twitter.com/shabdanagari
3 मार्च 2015
गाँव के प्रति जो भावनाएं आपके ह्रदय में है वह टिप्पणी में साफ झलकती है | शुक्रिया कौशिक जी ...
27 फरवरी 2015
शायद उतना नहीं,जितना की आपने कहा |शुक्रिया नाजिश जी |
27 फरवरी 2015
भाई योगेश जी, बहुत बहुत धन्याद |
27 फरवरी 2015
शहर की सड़कों से तो अच्छी गांव की पगडंडियां है जिधर चाहे उधर मोड़ लेने की आज़ादी होती है. गांव में खुद रास्ते बनाये जाते है शहर में बना कर देते है
27 फरवरी 2015
बहुत उत्कृष्ट एवं जीवंत रचना ....
26 फरवरी 2015
गाँव तो होते ही शहर से अच्छे हैं .शहर में वह भाईचारा कहाँ वह मेल मिलाप कहाँ जो गाँव में मिलता है .सुन्दर अभिव्यक्ति .आभार
26 फरवरी 2015