4 अप्रैल 2015
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मेरे ब्लॉग "साहित्य-दर्पण" में शब्दनगरी पर प्रकाशित सभी रचनाएँ मेरी मौलिक रचना है, अन्यत्र प्रकाशन या प्रसारण हेतु हमारी सहमति आवश्यक है | लेखन - कहानी,कविता,गीत,ग़ज़ल, लघुकथा,हास्य-व्यंग ,शेरों-शायरी आदि | सदस्य -फिल्म लेखक संघ मुंबई | राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित | कई काव्य संकलन में कविताऐं संकलित | आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण | भाषा - हिंदी , अंगिका, भोजपुरी | आत्मकथ्य - हर तूफां से गुजर जाना है,हर दिल में ऊतर जाना है , जमाना याद रक्खे हमें कल भी , काम कुछ ऐसा कर जाना है | सम्पर्क सूत्र - ग्राम+पोस्ट - सधुआ, प्रखंड - रंगरा चौक, वाया - नवगछिया, जिला - भागलपुर, पिन कोड -८५३२०४, बिहार , (भारत ) Email - mandaljee420@gmail.com,मेरे ब्लॉग "साहित्य-दर्पण" में शब्दनगरी पर प्रकाशित सभी रचनाएँ मेरी मौलिक रचना है, अन्यत्र प्रकाशन या प्रसारण हेतु हमारी सहमति आवश्यक है | लेखन - कहानी,कविता,गीत,ग़ज़ल, लघुकथा,हास्य-व्यंग ,शेरों-शायरी आदि | सदस्य -फिल्म लेखक संघ मुंबई | राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित | कई काव्य संकलन में कविताऐं संकलित | आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण | भाषा - हिंदी , अंगिका, भोजपुरी | आत्मकथ्य - हर तूफां से गुजर जाना है,हर दिल में ऊतर जाना है , जमाना याद रक्खे हमें कल भी , काम कुछ ऐसा कर जाना है | सम्पर्क सूत्र - ग्राम+पोस्ट - सधुआ, प्रखंड - रंगरा चौक, वाया - नवगछिया, जिला - भागलपुर, पिन कोड -८५३२०४, बिहार , (भारत ) Email - mandaljee420@gmail.comD
हो गयी ज़िंदगी तेरी अब 'बंज़र' नहीं 'समंदर' क्यूँ है...वाक़ई, शब्दों, अनुभूतियों का एक समंदर होता है रचनाकारों के ह्रदय में...हिलोरें लेती लहरें आती हैं और किनारों पर सांसें भरती मिलती हैं ऐसी ही रचनायें. आभार,
4 अप्रैल 2015