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तेरी यादों के साये में

30 अगस्त 2020

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तेरी यादों के साये में,

मेरा जीवन गुजर जाये।

मेरी तन्हाईयों मुझको

तेरा साथ मिल जाये।।1।।

मैं पलकें बंद करता हूँ,

तेरा दीदार होते हैं।

मैं पलकें खोलता हूँ ,

तो तेरा अहसास होता है।

इसी अहसास से,

अपना सफर आसान होता है।।2।।

तेरी यादों के साये में,

मेरा जीवन गुजर जाये।।

धरा से दूर अंबर पर,

तेरा आब आशियाना है।

तू मुझसे दूर होकर भी,

मेरी यादों में जिंदा है।।3।।

इन्हीं यादों के साये में,

मेरा जीवन गूजर जाये।

तू मुझसे प्यार करती है,

मैं तुझसे प्यार करता हूँ।

तू धरती में थी तब भी,

तू अंबर में तब भी।

सितारा तू गगन का है,

धरा का मैं हूँ बंजारा।।4।।

तूझे बस याद करता हूँ,

मैं धरती में भटकता हूँ।

सती है तू अगर तो मैं,

बन शिव धरतो पर भटकता हूँ ।।5।।इसी आशा कि शायद,

हिमालय में तू मिल जाये।

तेरी यादों के साये में

मेरा जीवन गूजर जाये।।6।।






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