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वहां मत आना

17 दिसम्बर 2021

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एक जिप्सी में दो  लड़के और दो लड़कियां झारखंड से वेस्ट बंगाल जाने के निकले थे,वैसे ये लोग दिल्ली से टूर पर निकले है, और पूरा नॉर्थ ईस्ट घूमते हुए वापस दिल्ली वापस जाना था , सभी पैसे वाले घर के बच्चे हैं ,सभी गाड़ी में बीयर पीते हुए म्यूजिक सुनते हुए जा रहे हैं ,वो आज रात में ही सफर करने के मूड में हैं, जबकि रास्ता रात के सफर के लायक नही था ,क्योंकि अक्सर इन रास्तों पर लोग लूट पाट करते थे,पर ये लड़के बिंदास हैं ,ये उनका पहला टूर नही है,वो सब हर छह महीने  मे ये कही न कही जाने का प्रोग्राम बना लिया करते हैं,चारो मुश्किल से 25 साल के आस पास थे,इन चारो जिनका नाम योगेश, मनोज श्रुति और माया है बीयर की बोतले भरपूर मात्रा में ले लिया था ताकि रात में ड्रिंक की कमी न हो वैसे भी गर्मी का समय था,रात करीब नौ बज रहे थे ये चारो एक ढाबे पर खाना खाने रुकते हैं,ढाबे वाला उनसे कहता है आप लोग अभी यहीं रुक जाओ सुबह 4 बजे निकल जाना आगे जाना ठीक नही है ,आगे नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, और अब उनका समय शुरू हो गया है,पर चारो उसकी बात नही मानते,!

उनकी गाड़ी हवा में बाते कर रही थी,रात के 12 बजने वाले थे तभी आगे सड़क टूटी हुई दिखी,और एक छोटा सा बोर्ड लगा था डायवर्सन राईट से घूम कर जाना है,गाड़ी योगेश चला रहा है,थोड़ी दूर जाने पर उन्हें लगता है जैसे वो रास्ता भटक गए हैं,पर अंधेरे में कुछ समझ नही आ रहा था,थोड़ा और आगे जाने पर उन्हें बाए तरफ जाने वाली सड़क दिखी तो उन्होंने उस तरफ़ गाड़ी मोड़ दिया, उस रास्ते पर वो आगे बढ़ते हैं थोड़ी दूर जाने पर गाड़ी बंद होने लगती है,और हिचकोले खाती गाड़ी रुक जाती है,चारो परेशान होते हैं,योगेश और मनोज गाड़ी देखने लगते हैं तभी लड़कियों को सामने एक छोटा सा गांव नजर आता
है,योगेश कहता है  कुछ समझ नही आ रहा है,श्रुति कहती है सामने गांव है वहां चले शायद कोई मैकेनिक या उसका नम्बर मिल जाए, चारो गाड़ी बंद कर गांव की तरफ बढ़ते हैं, गांव में कुछ रोशनी नजर आ रही थी, माया कहती है कमाल है अभी तक जाग रहे हैं,वो गांव में पहुंचते हैं वहां उन्हे कुछ और ही नजारा देखने को मिलता है ,वो चुप चाप एक कोने में खड़े हो जाते हैं,सामने करीब दस नकाबपोश हाथो में गन लिए पूरे गांव वालो को घेर रखा है,एक गांव वाले के गर्दन पर उनका मुखिया चाकू लगा रखा है,वह कहता है हमारी मुखबारी करने की सजा सिर्फ मौत है,और ये सजा पूरे गांव के लिए है आज कोई नहीं बचेगा,सभी रोने लगते हैं,मुखिया उसकी गर्दन एक ही वार से काट देता है श्रुति और माया के मुंह से चीख निकल पड़ती है,पर सभी चीखने लगते हैं तो इनकी चीख किसी को सुनाई नही पड़ती है, वो लोग गांव वालो पर फायरिंग शुरू कर देते हैं ये देख चारो हड़बड़ा जाते हैं और भागने के लिए निकलने वाले थे तभी श्रुति गिर पड़ी और एक गनमैन की नजर इन पर पड़ती है वो चिल्लाता है अरे वहा भी कोई है पकड़ो उनको,दो गन मैन उनकी तरफ बढ़ते हैं तभी उनके पीछे कुछ लोग छिपे थे वो उठकर भागते हैं,घबराहट में चारो ने उनको देखा ही नहीं,अचानक अफरा तफरी मच जाती है,दोनो गन मैन उनके पास आ जाते हैं,मनोज पास पड़ी एक लकड़ी से एक गन मैन को मारता है तो दूसरे को योगेश डंडे से मारता है जो उसके हाथ लग गया था,दोनो चिल्ला कर वही गिर जाते हैं,मनोज और योगेश उनके गुण उठा कर उन लोगों पर फायरिंग करते हैं जो गांव वालो को मार रहे थे,दो लोग तुरंत मार जाते हैं ये देख गांव वाले भी हिम्मत कर नक्सलियों पर टूट पड़ते हैं ,मनोज और योगेश और दो गन मैन को मार देते हैं ,अब गांव वाले बाकी को। पकड़ लेते हैं ,और उन्हे बांधकर लटका देते हैं,गांव में एक तरफ रोना धोना मचा है तो एक तरफ़ बचे गांव वाले इन चारो को एक तरफ बिठा देते हैं,और एक गांव का जवान  एक गन मैन के गर्दन पर चाकू रखता है तो मनोज कहता है ,भाई इन्हे मत मारो पुलिस को सूचना दे दो वो ले जायेंगे और इनके बाकी लोगो को भी पकड़ेंगे, गांव वालो एक साथ इन पर भड़क उठते हैं वो कहते हैं चुप चाप बैठो नही तो तुम्हारा भी यही हाल करेंगे ,चारो उनके रिएक्शन से घबरा जाते हैं ,वो कहते है हमे जाने दो फिर जो करना है करो,वो लोग कहते हैं ,इनकी मौत देख कर ही जाना वरना अच्छा नही होगा,,बेचारे घबरा कर चुप बैठते हैं लड़कियों की आंखों में आंसू आते हैं ये मंज़र देखना उनके बस में नहीं था , वैसे भी उनके सामने कई लाशे पड़ी थी,गांव वाले एक की गर्दन काटते हैं,उसकी गर्दन खून भलभाला के बहने लगता है लड़कियों को बेहोशी छाने लगती है ,तभी मौका देख लड़के उन दोनो को पकड़ जोर से भागते हैं , उनको भागते हुए देख एक गांव वाला चिल्लाता है अरे देखो वो भाग रहे हैं,चारो बड़ी तेजी से भागते हैं,माया कहती कहा जायेंगे गाड़ी तो खराब है,योगेश कहता है इनसे दूर भाग कर कहीं छुप जाते हैं,तभी पूरा गांव उनके पीछे पड़ जाता है,चारो खेतो में भागते हैं,अचानक एक तरफ से गांव वाले उन्हे घर लेते  हैं उन्हे समझ नही आता ये आगे कहां से आ गये ,मनोज चिल्लाकर कहता है ,हमने तुम लोगो को बचाया और तुम लोग हमे ही मरना चाहते हो,वो गुस्से में आगे और पीछे से इन्हे घेरते है,लड़कियां चीख चीख कर रोने लगती है,तभी कहीं से एक बुजुर्ग महिला हाथ में तलवार लिए आती है और इनके सामने खड़ी हो जाती है और कहती है कैसे निस्ठुर लोग ही जिन्होंने तुम्हारी जान बचाई उसे ही मार रहे हो, एक कहता है काकी हट जा इन्होंने हमारे आदेश की अवहेलना की है,वह कहती है इस से अच्छा होता वो नक्सली तुम सबको मार देते, वो आगे बढ़ते हैं तो वो महिला तलवार लेकर उन पर टूट पड़ती है ,सभी उस महिला से भिड़ जाते हैं,वह महिला चिल्लाकर कहती है भागो तुम लोग मैं इन्हे सम्हालति हुं,चारो सड़क की तरफ भागते हैं, पिछे उनके चिल्लाने की आवाज आ रही है साथ ही उस महिला की आवाज भी चीखने की आवाज आती है जैसे सभी उसे मार रहे हो,चारो भागते भागते बहुत दूर आ जाते हैं, वो एक जगह आकर रुकते हैं भागते भागते उनकी हालत गंभीर हो जाती है,पर भागने के अलावा कोई चारा नहीं था,,वो  सामने एक मंदिर देखते हैं वो उसके बरामदे में जाकर लेट जाते हैं उनकी उठने की हिम्मत नहीं होती है, पड़े पड़े कब नींद लग जाती है उन्हे पता नही चलता ,सुबह पुजारी उनके चेहरे पर पानी छिड़कता है जिस से उनकी नींद खुलती है,पुजारी के पूछने पर वो सब बताते हैं तो पुजारी आश्चर्य से कहता है तुम लोग इस रास्ते पर कैसे आ गए, तो वो बताते हैं ,पुजारी कहता है भगवान की बहुत कृपा है तुम लोग सही सलामत बच कर यह पहुंच गए ,वो गांव तो कब का खंडहर हो गया है ,हां कल की ही तारीख और यही समय था जब नक्सलियों ने पूरे गांव को मुखबरी के शक में मौत के घाट उतारा था,चलो देखते हैं,तुम लोग रुको मैं अपनी गाड़ी लेकर आता हूं!
चारो पुजारी के साथ वहा पहुंचते हैं ,उनके सामने पूरा गांव खंडहर बन हुआ था,उनकी गाड़ी वही खड़ी थी उन्होंने गलती से अपने मोबाइल गाड़ी में ही छोड़ दिए थे क्योंकि इस पूरे इलाके में नेटवर्क नही था,वो पुजारी के साथ गांव में जाते हैं तो वहां खून दिखाई देता है जहां उन्होंने लोगो की गर्दन काटी थी ,पर वो खून सिर्फ उन्हे दिख रहा था ना की पुजारी को,,वो गाड़ी के पास आते हैं एक बार फिर स्टार्ट करने के हिसाब से गाड़ी स्टार्ट करते हैं तो वो स्टार्ट हो जाती है,सभी खुश होते है और पुजारी जी को धन्यवाद देकर दुबारा रात को अनजाने राह पर न निकलने के इरादे से चल देते हैं,,,,!!


 Dr Vasu Dev yadav

Dr Vasu Dev yadav

अच्छी कोशिश

18 दिसम्बर 2021

कविता रावत

कविता रावत

एक चलचित्र सा चल गया आंखों के सामने बहुत अच्‍छी प्रस्‍तुति

17 दिसम्बर 2021

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

18 दिसम्बर 2021

धन्यवाद जी

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahutttttttt hi accha likha aapne 👌👌

17 दिसम्बर 2021

संजय पाटील

संजय पाटील

कहानी इंट्रेस्टिंग है 👌

17 दिसम्बर 2021

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

18 दिसम्बर 2021

धन्यवाद जी

 Dr Vasu Dev yadav

Dr Vasu Dev yadav

अच्छी कोशिश

17 दिसम्बर 2021

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

18 दिसम्बर 2021

धन्यवाद जी

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रचनाएँ
यहां मत आना
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रात में रास्ते में पिकनिक के लिए जा रहा एक ग्रुप रास्ता भटक जाता है और पहुंच जाता है एक अनहोनी भरे गांव में जहां उनके साथ क्या होता पढ़िए और जानिए,,,,

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