ओ मृग नयनी तेरे नैन
मेरे दिल के ले गए चैन
तेरा यूँ अदा से मुस्काना
लगे है जैसे पहन ली हो सारी गहना
तेरे वो सुनहरी सी केश
लगाएं जैसे मेरे दिल को ठेस
तेरी वो यूँ लचकती सी कमर
मुझे पागल बनाने में छोड़े ना कोई कसर
तेरी वो छ्मछम करती पायल
मेरे जिस्म को कर रही घायल
ओ मृग नयनी तेेरे नैन
मेरे दिल के ले गए चैन
तेरे वो सुंदर से गोरे गाल
मेरा हाल किये है बैहाल
अब तू आजा मेरे सनम
मेरा हाल हो रहा है बेदम