shabd-logo

वृद्धाश्रम

8 सितम्बर 2022

29 बार देखा गया 29

              वृद्धाश्रम की बात आते ही अधिकांश लोगो के मन में वृद्ध व्यक्तियों के दुःख तकलीफ का चित्रण उभर उठता है I ऐसा माना जाता है की वृद्धाश्रम में  बेसहारा वृद्ध रहते है I यद्यपि इस बात को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है कि प्रारम्भ में वृद्धाश्रम बेसहारा लोगों के लिए ही हुआ करता था किन्तु आजकल उच्च  मध्यम वर्गीय परिवार के वृद्ध भी निजी स्तर पर संचालित वृद्धाश्रमों में रहते हैं I  इन वृद्धाश्रमों में समस्त भौतिक सुख सुविधा उपलब्ध रहती हैI यहाँ मासिक शुल्क भी इन रहने वाले लोगो से अच्छा खासा लिया जाता है I जाहिर है जब सुविधा देंगे तो पैसे भी लेंगे I  दरअसल आजकल बड़े शहरों में कई एसी घटनाएं होने लगी हैं जिनमे अकेले रहने वाले वृद्ध लोगो के घर में  घुस कर उनकी ह्त्या की गयी और लूट- पाट हुयी I  ऐसे में संपन्न और समझदार लोगों को लगता है कि आधुनिक सुख-  सुविधा  युक्त वृद्धाश्रम रहने का बेहतर विकल्प है I वृद्धाश्रमों की  एक और विशेषता है कि यहाँ हमउम्र लोग मिल जाते है तो आपस में बात- चीत  करने को भी मिल जाता है I

              सामान्यतः वृद्धाश्रम गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित होते हैं, जिन्हे सरकार द्वारा आर्थिक  सहायता दी जाती है I इन आश्रमों में भी न्यूनतम  आवश्यक समस्त सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं I यहाँ विशेष अवसरों पर  जान सामान्य के लोग भी जा कर  अपना योगदान देते हैं I जैसे कोई व्यक्ति अपने जन्मदिन पर खाना खिलाता है तो कोई कपडे बांटता हैI  इस प्रकार यहाँ भी वृद्धों की देखभाल ठीक - ठाक हो जाती है I और फिर उन्हें हमउम्र के लोग बातचीत के लिए भी मिलते हैI हाँ, ये बात और है की इन वृद्धाश्रमों में निजी स्तर पर संचालित  वृद्धाश्रमों जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं होती I

              यहाँ वृद्धाश्रमो की विशेषता बताने का यह तात्पर्य कतई नहीं है कि बुजुर्ग़ वृद्धाश्रम  में रहें I परिवार के  वृद्धलोग ही परिवार की असली पूंजी होते हैं I लेकिन विपरीत परिस्थितियों में  केवल लोग क्या कहेंगे यह सोचकर वृद्ध लोग  अकेले  अपने घर में रहते है और किसी हादसे का शिकार होते है इससे बेहतर है कि  वे वृद्धाश्रम में रहे I इसके लिए समाज में जनजागरण भी जरूरी है I

कविता रावत

कविता रावत

परिवार के वृद्धलोग ही परिवार की असली पूंजी होते हैं I लेकिन विपरीत परिस्थितियों में केवल लोग क्या कहेंगे यह सोचकर वृद्ध लोग अकेले अपने घर में रहते है और किसी हादसे का शिकार होते है इससे बेहतर है कि वे वृद्धाश्रम में रहे I इसके लिए समाज में जनजागरण भी जरूरी है I .. ये भी बहुत सही बात है .

8 सितम्बर 2022

1
रचनाएँ
सामाजिक सरोकार
0.0
समाज के विभिन्न मुद्दों का संतुलित पक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है I

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए