मुंबई शहर में सड़क से लेकर बड़े बड़े इंडस्ट्रीज में हफ्ता वसूली का काम जोर शोर में चलता है ,वह चाहे फुटपाथ पर धंधा लगाने वाले लोग हो या फिर भिखारी ,सभी को हफ्ता देना पड़ता है ,सबसे बड़ी वसूली पुलिस वालो की होती है , और वह वसूली पुलिस वाले खुद ना करके कुछ लोगो को रखते हैं ,ऐसे ही वसूली करने वालो की यह कहानी है वसूली , यह कहानी है जमील और कमल की , जमील तो मुंबई का ही अनाथ था ,और कमल गांव से कमाने आया था , उनके बारे में जानने के लिए पढ़िए *,वसूली*
84 फ़ॉलोअर्स
110 किताबें