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यादों का एक खजाना

8 मई 2023

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एक दिन यु ही

एक बक्सा दिख गया

खोला तो एक खज़ाना सा मिल गया ||

माँ ने हसाया था, पापा ने सजाया था

और वो लम्हा एक तस्वीर में सजाया था ||

ऐसे थे वो दिन देख के

दिल सा भर आया था ||

जिंदिगी कितनी बदल जाती है

तस्वीरे एहसास कराती है ||

एक पल हम यहाँ

कल कही और चले जाते हैं

पर यादे तो कैद सिर्फ तस्वीरों में रह जाती है ||

ऐसा था वो अनमोल खज़ाना जिस ने मुझे येह एहसास दिलाया था ||

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मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुन्दर लिखा है आपने 👌 आप मुझे फालो करके मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

28 अगस्त 2023

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