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दया धर्म का मूल माना जाता

24 नवम्बर 2021

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नमन मंच 🙏🙏🙏


क़लम की ताक़त साहित्यिक संस्थान, भारत


दिनांक  - 24 नम्बर 2021


#विषय - दया धर्म का मूल है


शीर्षक - दया धर्म का मूल माना जाता


विधा - कविता


दया धर्म का मूल माना जाता, 


हर धर्म दया करना सिखाता । 


दया धर्म को मजबूत बनाती, 


इंसान को इंसान होने का एहसास कराती । 


बिना दया के सब कर्म निष्फल माने जाते, 


मनुष्य को न कोई फल दे पाते । 


दया मनुष्य को देव बनाती, 


संसार में उसकी शोभा गाई जाती। 


दया धर्म, जाति भूल जाती, 


सब पर यह निष्काम भाव से लुटाई जाती। 


दुखी मनुष्य  दया भावना से नव शक्ति पाता, 


दया दर्शाने वाले को लाखों दुआ दे जाता । 


दया मनुष्य चरित्र को उज्जवल कर जाती, 


दयावान की कीर्ति युगों युगों सबको सुनाई जाती । 


स्वरचित एवं मौलिक


अमरजीत सिंह


सांबा, जम्मू कश्मीर

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