15 मार्च 2021
पतझड़ में सूखे पत्ते, यू बिखरे हैं,
जिस तरह बिखर जाते हैं कभी,
वह अपने ||
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लेखक तो केवल लिखता है , पाठक लेखन महसूस करता है D
अड़चने भी अजीब होती हैं, हर बार सामने उत्पन्न खड़ी हो जाती हैं,कर्म योगी उनसे डटकर सामना करते हैं चाहे जो हो पर जीतने की जिद, अड़चनों को नेस्तनाबूत कर देती हैं,इसलिए किसी ने कहा है -"तू किसलिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की ओर,उस वक्त को सिर्फ
पतझड़ में सूखे पत्ते, यू बिखरे हैं,जिस तरह बिखर जाते हैं कभी,वह अपने ||
भारत एशिया का सबसे भ्रष्ट देश है। यहां सभी किसी ना किसी तरह कभी न कभी इसका शिकार हुए हैं और सबसे ज्यादा भ्रष्ट पुलिस कर्मचारी, नगर निकाय, विद्यालय, लोक निर्माण विभाग, न्याय विभाग के साथ भ्रष्ट लोग निजी कार्यालयों- ऑफिसो में भी घुसे पड़े