8 नवम्बर 2022
आँखें न ख़्वाब देखना छोड़ती है,और न ही ज़िन्दगी उन्हें तोड़ना।दोनों में यही जंग जारी है,कौन किसपे कितना भारी है।जाने ये जंग कब तक को रुकें,इनके बीच पीस रहे जज़्बात तो हमारी है।✍शोभा कुमारी❤️