shabd-logo

7/10/2022:- पछतावा

7 अक्टूबर 2022

46 बार देखा गया 46
प्रिय सखी।
केसी हो । हम अच्छे है ।और शोप पर बैठे है।आज कल मौसम मे सर्दी घुलने लगी है ।ठंड का अहसास होने लगा है।इधर फरीदाबाद मे लगभग हर रोज बरसात आ रही है ।अभी अभी एक उपन्यास पूरा किया है ।और एक कहानी दिमाग मे आ रही है उपन्यास लेखन के लिए।देखो कब मूड बनता है लिखने का ।
जब लिखना शुरू करेंगे तो रुकेंगे नही। आज का विषय मन को छू गया ।आज के विषय मे हम अपने पापा के विषय में लिखेंगे।
आज का विषय :-सब से ज्यादा पछतावे की घटना
अब वो बात को बीते सालों हो गये है पर वो मेरे मन मे ऐसे गहरी पैठी हुई है कि मै दोनों हाथों से उलीच उलीच कर भी बाहर निकालूंगी तो वो निकलती नही है।
बात तब की थी जब मेरे पापा को हार्ट अटैक आया था पहला ।जब मेरी शादी के लिए रिश्ते देखे जा रहे थे।सब बहनों की शादी पापा के हाथों है चुकी थी बस मै ही बची थी ।तभी पापा को हार्ट अटैक आ गया।मेरे पापा चेन स्मोकर थे। डाक्टर ने उन्हें सिगरेट पीने से मना किया था । लेकिन वो छुप छुप कर सिगरेट पीते थे।जिससे तबीयत खराब होने की ज्यादा आशंका थी। मुझे बड़ा दुःख हैता था जैसे पापा छुपकर सिगरेट पीकर आते थे ओर हम पूछते तो मना कर देते थे‌।एक दिन मैने पापा से लड़ाई कर ली कि आप अपना ख्याल नही रखते ।हमारा तो सोचिए आप को कुछ हो गया तो हम क्या  करेंगे।
जब तक पापा को दो अटैक आ चुके थे।
जब मैंने पापा से लड़ाई की तो पापा बोले," तुम कितना कह लो बेटा मेरे पास टाइम नही है मै तुम्हारी शादी तक जिंदा नही रहने वाला।"
पापा ने जब ये बात कही तो मुझे बहुत गुस्सा आया कि पापा कैसे हार सकते है ऐसे । मैंने गुस्से में आकर उनसे बोलना बंद कर दिया ।दो दिन ही हुए थे कि एक दिन सुबह मै सो रही थी कि तभी मम्मी के चिल्लाने की आवाज आयी ।मै हड़बड़ा कर पापा के कमरें की ओर दौड़ी लेकिन मेरे दौड़ने से क्या होता पापा तो जा चुके थे इस दुनिया से।
उनके अंतिम संस्कार के बाद रात को दुःख का अतिरेक इतना हो गया कि मै छत पर जा कर जोर जोर से पापा को आवाज देकर बुलाने लगी कि पापा मुझ से एक बार बात ही कर लो ।पर वो कही नही थे ।कहते है जाने वाले कभी नही आते ।
"जिंदगी मे गुजर जाते है जो मुकाम ,वो फिर नही आते ...
वो फिर नही आते।
जब भी ये गीत कही बज रहा होता है तो पापा याद आ जाते है।
,😭😭😭😭अब चलती हूं सखी अलविदा।
Ram Sewak gupta

Ram Sewak gupta

बहुत बढ़िया सराहनीय कहानी है आपकी धन्यवाद जी।। शुभ अपराह्न

7 अक्टूबर 2022

15
रचनाएँ
दैनंदिनी सखी ( अक्टूबर )2022
5.0
सुन सखी ,इस महीने हम और तुम मिल कर मनाएगी त्यौहार,दशहरा, दीपावली, भाईदूज एक साथ ।बस भगवान से यही प्रार्थना लोग अपने मन मे बसने वाले रावण का दहन करे।
1

1/10/2022 :- महात्मा गांधी जी पर मेरे विचार

1 अक्टूबर 2022
14
3
2

प्रिय सखी।कैसी हो । बहुत दिनों बाद मुलाकात हुई है ।सच सखी बहुत खाली खाली सा लगता है जब तक मै तुम से अपनी मन की ना कह लूं।आज मंच पर ये संदेश प्रेषित किया है हमने कि सभी अकाउंट पर फोन वेरिफिकेशन कम्पल्स

2

3/10/2022

3 अक्टूबर 2022
10
3
0

प्रिय सखी।कैसी हो हम अच्छे है। कल सप्तमी का व्रत था इसलिए कुछ लिख नही पाये ।किसी भी मंच पर । क्यों कि बगैर नमक के हमारा बीपी लो हो जाता है ।आज अष्टमी पूजन के साथ ही हमारा व्रत सम्पूर्ण हुआ ।पहले तो हम

3

5/10/2022 :- विजयदशमी

5 अक्टूबर 2022
10
4
0

हैलो सखी।कैसी हो हम अच्छे है और आप को व आप के परिवार को विजयादशमी के उपलक्ष्य में शुभकामनाएं देते है।कल डायरी लेखन मे प्रथम स्थान प्राप्त किया ।मन मे प्रसन्नता है।अब आगे किताब तभी प्रकाशित करेंगे जब र

4

7/10/2022:- पछतावा

7 अक्टूबर 2022
11
4
1

प्रिय सखी।केसी हो । हम अच्छे है ।और शोप पर बैठे है।आज कल मौसम मे सर्दी घुलने लगी है ।ठंड का अहसास होने लगा है।इधर फरीदाबाद मे लगभग हर रोज बरसात आ रही है ।अभी अभी एक उपन्यास पूरा किया है ।और एक कहानी द

5

9/10/2022:- आधुनिक जीवन शैली

9 अक्टूबर 2022
11
2
2

प्रिय सखी।कैसी हो हम अच्छे है।बस थोड़ा आहत है किसी दूसरे मंच पर प्रतियोगिता मे भाग लिया था।रचना को पढ़ा भी जा रहा था पर कुछ लोगों को दूसरों का आगे बढ़ना अच्छा नही लगता ।कम रेटिंग देकर उनको पता नही क्य

6

14/10/2022:- डिजिटल निरक्षरता

14 अक्टूबर 2022
10
5
0

प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे है पर तबीयत खराब चल रही है । आशा है तुमने करवा चौथ का व्रत धूमधाम से मनाया होगा।हम तो कल सारा दिन ऐसे ही पड़े रहे ।फिर रात को चांद निकला तो तैयार होकर चांद को अर्घ्य दें कर

7

16/10/2022 :- प्रेत और आत्मा

16 अक्टूबर 2022
9
2
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है ।देहली शोप पर बैठे है ।तबीयत अभी ठीक नही है ।पर आज रविवार है तो यहां व्यापारी ज्यादा आते है ।इस लिए आना पड़ा। मंच से गुजारिश कि लेखक के वालेट की व्यवस्था सही ढंग से करें

8

17/10/2022:- मेरा पहला कार्य दिवस

17 अक्टूबर 2022
4
1
0

हैलो सखी।कैसी हो ।सब से पहले मेरी सखी को अहोई अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।यह व्रत अपने बच्चों के लिए रखा जाता है।जैसे यूपी , बिहार की तरफ "जिवितिया "का व्रत रखा जाता है उसी प्रकार इधर हमारे तरफ हरिया

9

19/10/2022 :-पारिवारिक विरासत

19 अक्टूबर 2022
9
2
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है तबीयत मे थोड़ा सुधार हो रहा है । दीपावली के दिन भी नजदीक है ।घर की साफ सफाई कर रहे है ।धीरे धीरे ही हो पाती है ।और दिनों तो बेशक नौकरानी से करवा लूं पर दीवाली की साफ सफा

10

21/10/2022:- त्यौहारों की अविस्मरणीय यादें

21 अक्टूबर 2022
6
2
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है । दीपावली की तैयारी मे जुट गये है ।आज बेसन की बर्फी बनाई थी हमने ‌‌‌‌।कल कचोरी, लड्डू और गुलाबजामुन बनाएं गे। पतिदेव बाहर की मिठाई पसंद नही करते है ।मै तो शुरू से ही घर

11

23/10/2022:- दीपोत्सव

23 अक्टूबर 2022
5
1
1

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है । दीपावली पर ढेर सारी मिठाई ,कचोरी रसगुल्ले बनाएं है अब तुम्हें कैसे खिलाएं।पर मेरी तरफ से तुम्हें दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं।आज का दैनिक विषय है :- दीपोत्सवदीपावली

12

26/10/2022 :-भारत मे बढ़ता वायु प्रदूषण

26 अक्टूबर 2022
3
2
0

प्रिय सखी ।कैसी हो ।हम बस ठीक ही है ।एक तो दीपावली की थकावट ऊपर से ये प्रदूषण।खांसी ज्यादा ही बढ़ गयी है ।हे सखी कोई घरेलू नुस्खा ही बता दो जिससे ये मुई खांसी ठीक हो जाए।अब की बार पुस्तक प्रतियोगिता म

13

27/10/2022:- क्या मीडिया समाज का ध्रुवीकरण कर रहा है

27 अक्टूबर 2022
6
2
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम ठीक है ।भाई दूज की ढेरों शुभकामनाएं।आज तो बच्चे अपनी बुआ जी के यहां गये है टीका निकलवाने। बच्चों की कोई बहन तो है नही इसलिए बुआ की लड़की से टीका निकलवाते है। साथ ही हमारे यहां दी

14

29/10/2022 :- भ्रामक खबरें समाज के लिए जहर

29 अक्टूबर 2022
4
1
1

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है अब तो खांसी मे फर्क है । आखिरकार ऐलोपैथिक दवाईयां लेकर ही आराम आया खांसी मे ।कितने ही घरेलू उपाय कर लो । हमारे पतिदेव घरेलू उपायों के हक मे है ।पर हमे अंग्रेजी दवाइयों क

15

30/10/2022 :-छठ पर्व:- आस्था का त्यौहार

30 अक्टूबर 2022
5
3
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है ।आज तो छठ पर्व की धूम मची है ।जगह जगह छठ मैया के गीत गाये जा रहे है ।हमारी कालोनी मे भी छठ पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।आज का विषय समयानुकूल है।छठ पर्ववैवर्त पुराण

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए