जिंदगी तेरी रफ्तार से जीत नहीं पाया है कोई, कभी भी,
कुछ तू बदलाव कर, कुछ मैं करता हूँ कोशिश अभी भी.
आँखों में यूं ही रहती नमी है, किस ने कहा तेरी कमी है ,
तेरे लिए जान हाजिर है, आजमा लेना आकर कभी भी.
तेरे तजुर्बे मुझे झुकने नही देते, बीच राह रुकने नहीं देते,
तेरा साथ है तो मंजिल से तो रूबरू हो जाएंगे कभी भी.
बस तू नाराज मत हुआ कर, प्यार ही से मुझे छुआ कर,
हमारी दोस्ती कमाल है,सौतन तेरी बहुत दूर है अभी भी .
एक बात और कहनी थी, अश्क़ों से मगर वो बहनी थी ,
दरिया रोक कर, हिम्मत का बाँध डटा हुआ है अभी भी