दिल की हसरतें थमने का नाम नहीं लेती ,
दिमाग की नसें हरकत में आने का नाम नहीं लेती .
जब भी आती है मुझे याद तेरी तन्हाई में ,
साँसें रुक सी जाती हैं ,ये चलने का नाम नहीं लेती .
समझा बुझा कर इनको काम पे लगाता हूँ
तो आँखें ,किसी और को देखने का नाम नहीं लेती
कोशिश करता हूँ बहलाने की, फुसलाने की ,
मगर जुबान होठों पर किसी का भी नाम नहीं लेती .
इन्द्रियां सब वश में हैं तू मेरी नस नस में है,
आत्मा तक परमात्मा से मिलने का नाम नहीं लेती .